जबलपुर। जबलपुर हाई कोर्ट में आज एक बार फिर फर्जी डॉक्टरों के मामले की सुनवाई हुई. एक फर्जी डॉक्टर को बीते दिनों हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. मुख्य न्यायाधीश ने पिछली सुनवाई में डॉक्टरों से कहा था कि, वे अपनी डिग्रियां पेश करें. आज जब एक डॉक्टर की डिग्री सामने आई, तो सभी चौंक गए. जबलपुर के धमापुर इलाके में बीएएमएस की डिग्री का बोर्ड लगाकर प्रैक्टिस करने वाले जितेंद्र सिंह वर्मा ने कोर्ट के सामने 1 डिग्री पेश की. इसमें डब्ल्यूएचओ का अप्रूवल, श्रीलंका के राष्ट्रपति की अनुमति का जिक्र था और यूनिवर्सिटी का पता बिहार के आरा जिले का डाला हुआ था. डिग्री में बीएएमएस के साथ ही अल्टरनेटिव मेडिसिन के बारे में भी लिखा हुआ था. पहले ही नजर में यह पूरा दस्तावेज फर्जी नजर आ रहा है, इसके बाद भी फर्जी डॉक्टर ने इसे कोर्ट में पेश कर दिया.
12 डॉक्टरों में से सिर्फ एक ने पेश की डिग्री
निचली अदालत से इस फर्जी डॉक्टर को जमानत मिल चुकी है, लेकिन अब कोर्ट ने पूछा है कि, क्यों ना आप की जमानत रद कर दी जाए और आप के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए. इसके अलावा 12 फर्जी डॉक्टरों पर भी एफआईआर की गई है, लेकिन अब तक बाकी लोगों ने कोर्ट में अपनी डिग्री पेश नहीं की है.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
इस याचिका में अभी तक मात्र जबलपुर के डॉक्टरों पर ही फोकस किया जा रहा है, जबकि ये समस्या पूरे प्रदेश में है. सरकार का स्वास्थ्य विभाग अपनी इलाज की जिम्मेवारी से बचने के लिए इन फर्जी डाक्टरों को काम करने की इजाजत दिए हुए हैं, डॉक्टरों की वजह से लोगों को गलत एलोपैथिक दवाएं मिल रही हैं.