ETV Bharat / state

कमलनाथ सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी किए जाने के फैसले पर लगाई रोक

सामान्य वर्ग की तीन छात्राओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी किए जाने के फैसले पर लगाई रोक लगा दी है

हाईकोर्ट ने लगाई रोक
author img

By

Published : Mar 19, 2019, 4:06 PM IST


जबलपुर: सामान्य वर्ग की तीन छात्राओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार ने गत 8 मार्च को एक अध्यादेश जारी करते हुए ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था.

percent-reservation-for-obc
हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण का फायदा 25 अप्रैल से शुरु होने जा रही नीट प्री पीजी काउंसलिंग के ज़रिए मेडिकल एजुकेशन में भी दिया जाना था, लेकिन उसके पहले अशिता दुबे,ऋचा पाण्डेय और सुमन सिंह नाम की तीन छात्राओं ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. छात्राओं की याचिका में कहा गया था कि इंदिरा साहनी मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक आरक्षण की सीमा, 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती लेकिन ओबीसी आरक्षण बढ़ाए जाने से मध्यप्रदेश में ये सीमा 50 से बढ़कर 63 फीसदी हो गई है.

छात्राओं की याचिका में कहा गया था कि अगर आरक्षण की सीमा 63 फीसदी होती है तो ना सिर्फ ये सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के खिलाफ होगा बल्कि सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं के हित भी प्रभावित होंगे.

याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने नीट प्री पीजी काऊंसलिंग में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण दिए जाने पर रोक लगा दी है और इस काउंसलिंग में ओबीसी रिज़र्वेशन पहले की तरह 14 फीसदी ही रखने के आदेश सुनाया है. हाईकोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है.

हाईकोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव और डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के खिलाफ नोटिस जारी किया है और 2 हफ्तों में उनका जवाब मांगा है.


जबलपुर: सामान्य वर्ग की तीन छात्राओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार ने गत 8 मार्च को एक अध्यादेश जारी करते हुए ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था.

percent-reservation-for-obc
हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण का फायदा 25 अप्रैल से शुरु होने जा रही नीट प्री पीजी काउंसलिंग के ज़रिए मेडिकल एजुकेशन में भी दिया जाना था, लेकिन उसके पहले अशिता दुबे,ऋचा पाण्डेय और सुमन सिंह नाम की तीन छात्राओं ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. छात्राओं की याचिका में कहा गया था कि इंदिरा साहनी मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक आरक्षण की सीमा, 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती लेकिन ओबीसी आरक्षण बढ़ाए जाने से मध्यप्रदेश में ये सीमा 50 से बढ़कर 63 फीसदी हो गई है.

छात्राओं की याचिका में कहा गया था कि अगर आरक्षण की सीमा 63 फीसदी होती है तो ना सिर्फ ये सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के खिलाफ होगा बल्कि सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं के हित भी प्रभावित होंगे.

याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने नीट प्री पीजी काऊंसलिंग में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण दिए जाने पर रोक लगा दी है और इस काउंसलिंग में ओबीसी रिज़र्वेशन पहले की तरह 14 फीसदी ही रखने के आदेश सुनाया है. हाईकोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है.

हाईकोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव और डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के खिलाफ नोटिस जारी किया है और 2 हफ्तों में उनका जवाब मांगा है.

Intro:जबलपुर
सामान्य वर्ग की छात्राओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाई कोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन में 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण दिए जाने पर रोक लगा दी है। बता दे कि राज्य सरकार ने बीती 8 मार्च को अध्यादेश जारी करते हुए ओबीसी आरक्षण 14 फ़ीसदी से बढ़ाकर 27 फ़ीसदी कर दिया था।


Body:बड़े हुए ओबीसी आरक्षण का फायदा जब 25 अप्रैल से शुरू होने जा रही नीट प्रि पीजी काउंसलिंग के जरिए मेडिकल एजुकेशन में भी दिया जाना था तो आशिता दुबे,रिचा पांडे और सुमन सिंह नाम की 3 छात्राओं ने जबलपुर हाईकोर्ट की शरण ली।छात्राओं की याचिका में कहा गया था कि इंदिरा साहनी मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक आरक्षण की सीमा 50 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती लेकिन ओबीसी आरक्षण बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश में यह सीमा 50 से बढ़कर 63 फ़ीसदी हो गई।


Conclusion:छात्राओं की याचिका में कहा गया था कि अगर आरक्षण की सीमा 63 फ़ीसदी होती है तो ना सिर्फ यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ होगा बल्कि सामान्य वर्ग के छात्र छात्राओं के हित में भी प्रभावित होंगे।याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने नीट प्री पीजी काउंसलिंग में 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण दिए जाने पर रोक लगा दी है और इस काउंसलिंग में ओबीसी रिजर्वेशन के पहले की तरह 14 फ़ीसदी ही रखने के आदेश सुनाए हैं। हाई कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है।हाईकोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव और डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के खिलाफ नोटिस जारी किया है और दो हफ्तों में उनसे जवाब मांगा है.......
bite.1-आदित्य संघी......अधिवक्ता
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.