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HC ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने के दिए निर्देश

प्रेमी के साथ भागकर शादी करने और मां बनने वाली नाबालिग और उसकी नवजात बच्ची को हाईकोर्ट ने नारी निकेतन में रखे जाने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने और सभी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.

HC ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने के दिए निर्देश
HC ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने के दिए निर्देश
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Published : Jun 1, 2021, 9:24 PM IST

जबलपुर। प्रेमी के साथ भागकर शादी करने और मां बनने वाली नाबालिग और उसकी नवजात बच्ची को हाईकोर्ट ने नारी निकेतन में रखे जाने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने और सभी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.

नारी निकेतन में रखने के निर्देश

सागर के गढ़ाकोटा में रहने वाले नाबालिग के पिता ने हाईकोर्ट में नाबालिग बेटी को सौंपने की मांग करते हुए याचिका लगाई गई थी. हाईकोर्ट में ये जानकारी सामने आई कि नाबालिग सिर्फ 16 साल की है, लेकिन प्रेमी के साथ वो 20 मार्च को शादी कर चुकी है और 25 अप्रैल को बेटी को जन्म दिया है. इस मामले में नाबालिग अपने माता-पिता के घर जाने को तैयार नहीं थी. इसलिए हाईकोर्ट ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने के निर्देश दिए हैं.

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नाबालिग होने के कारण नारी निकेतन को सौंपा

इस मामले में जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने नारी निकेतन अधीक्षक को निर्देश दिया कि नाबालिग होने के कारण युवती को अनावेदक के सुपुर्द नहीं किया जा सकता है. इसलिए नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखा जाए और दोनों को हर तरह की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.

जबलपुर। प्रेमी के साथ भागकर शादी करने और मां बनने वाली नाबालिग और उसकी नवजात बच्ची को हाईकोर्ट ने नारी निकेतन में रखे जाने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने और सभी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.

नारी निकेतन में रखने के निर्देश

सागर के गढ़ाकोटा में रहने वाले नाबालिग के पिता ने हाईकोर्ट में नाबालिग बेटी को सौंपने की मांग करते हुए याचिका लगाई गई थी. हाईकोर्ट में ये जानकारी सामने आई कि नाबालिग सिर्फ 16 साल की है, लेकिन प्रेमी के साथ वो 20 मार्च को शादी कर चुकी है और 25 अप्रैल को बेटी को जन्म दिया है. इस मामले में नाबालिग अपने माता-पिता के घर जाने को तैयार नहीं थी. इसलिए हाईकोर्ट ने नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखने के निर्देश दिए हैं.

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नाबालिग होने के कारण नारी निकेतन को सौंपा

इस मामले में जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने नारी निकेतन अधीक्षक को निर्देश दिया कि नाबालिग होने के कारण युवती को अनावेदक के सुपुर्द नहीं किया जा सकता है. इसलिए नाबालिग और उसकी बच्ची को नारी निकेतन में रखा जाए और दोनों को हर तरह की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.

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