जबलपुर। सोमवार को जबलुपर हाईकोर्ट ने पीडीएस चावल घोटाला मामले में स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई से जांच करान के मामले और बरगी गेट रेल्वे क्रांसिंग बंद किये जाने के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई हुई.
चावल घोटाले पर फैसला सुरक्षित
सार्वजनिक वितरण प्रमाणी के तहत अमानक स्तर के चांवल वितरित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में मांग की गयी थी कि प्रदेश में हुए चावल घोटाले की जांच स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई से करवाई जाये. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
याचिका में की गई ये मांग
- केन्द्र सरकार द्वारा जारी आदेश का पालन सुनिश्चित करवाया जाए
- फूड सेफटी एक्ट में दिये गये प्रावधानों का पालन पीडीएस में किया जाये
- पूरी जांच किसी स्वतंत्र एजेन्सी या सीबीआई से करवाई जाये
याचिकाकर्ता डाॅ पीजी पांडे तथा एमके खान की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में पीडीएस के तहत अमानक स्तर के चांवल सप्लाई का खुलासा केन्द्र सरकार की जांच रिपोर्ट से हुआ है. जांच रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने राईस मिलर्स को ब्लैक लिस्ट कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे. लेकिन याचिका में राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया था कि सरकार केंद्र के आदेशों का पालन नहीं कर रही है.
बरगी गेट रेल्वे क्रांसिंग बंद किये जाने के खिलाफ लगी याचिका खारिज
नरसिंहपुर जिलें में बरगी गेट रेल्वे क्रांसिंग बंद किये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ ने सुनवाई दौरान पाया कि वहां वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. न्यायालय ने ब्रिज निर्माण तक क्रासिंग खुली रखने के निर्देश देते हुए दायर याचिका खारिज कर दी.
याचिका में कहा गया है कि रेलवे क्रांसिंग बंद होने से लोगों को आने-जाने के लिए आठ से दस किलोमिटर का चक्कर लगाना होगा. याचिका में मांग की गयी है कि आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं होने तक उक्त रेलवे क्रांसिंग को बंद न किया जाये.