जबलपुर। कोरोना महामारी के चलते एक और जहां लोग अपने घरों में कैद हैं, वहीं गुरु पूर्णिमा पर भी करोना का ग्रहण लग गया. हर साल गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिष्यों द्वारा गुरु पूजन के लिए विशेष आयोजन किये जाते थे, लेकिन इस बार गुरुभक्ति सादगी के साथ की गई.
रविवार को गुरु पूर्णिमा पर बहुत से शिष्य अपने गुरु के दर्शन नहीं कर पाए, वहीं जो लोग अपने गुरु के घर के पास रहते थे, उन्होंने गुरु पूजन कर उनका आशीर्वाद लिया. संस्कारधानी जबलपुर में भी गुरु पूर्णिमा पर शिष्यों ने सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन का पालन करते हुए गुरु पूजन किया. इस दौरान शिष्य अपने गुरु के घर पहुंचे और पूरे विधि विधान से उनका पूजन कर कोरोना महामारी से बचने का आशीर्वाद लिया. हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ बताया गया है, क्योंकि गुरु ही शिष्यों का मार्गदर्शन करते हैं और उनके जीवन में आने वाली रुकावट को दूर करते हैं.
गुरू पूर्णिमा के अवसर पर संस्कारधानी के निवासियों से जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने अपील की थी वे इस दौरान पब्लिक गेदरिंग न करें और सभी नियमों का पालक कर प्रशासन की मदद करें, रविवार को की गई प्रेस कांफ्रेंस में कलेक्टर ने लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि शहर की जनता ने गुरूपूर्णिमा, लॉकडाउन और रविवार को होने वाले बंद में प्रशासन की भरपूर मदद की और नियमों का पालन किया.