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भोपाल के बाद जबलपुर में फ्रांस के राष्ट्रपति का विरोध प्रदर्शन, लगाया ये आरोप - French President opposes in Jabalpur after Bhopal

जबलपुर के अब्दुल हमीद चौक पर मुस्लिम युवाओं के एक समूह ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का पुतला जलाया, और उनके बयान के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की है.

Burning effigy of french president
फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला दहन
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Published : Nov 1, 2020, 11:48 PM IST

जबलपुर। राजधानी भोपाल के बाद जबलपुर में मुस्लिम युवाओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया. जबलपुर के अब्दुल हमीद चौक पर मुस्लिम युवाओं के समूह ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का पुतला जलाया. और मैक्रोनी के खिलाफ नारेबाजी की. दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं. जबलपुर में भी यही विरोध देखने को मिला जबलपुर के इन मुस्लिम युवाओं का आरोप है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो ने जानबूझकर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की है.

युवाओं का आरोप है कि पैगंबर साहब का कार्टून बनाना गलत था और फ्रांस के राष्ट्रपति ने ऐसा करने वाले को सजा देने की बजाय सम्मानित करके पूरे मुस्लिम समाज का अपमान किया है. युवाओं का कहना है कि जिस तरीके से भारत में यह कानून है कि कोई भी किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करेगा और यदि ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है. युवाओं की मांग है कि वह हिंसा का समर्थन नहीं करते लेकिन वह इस बात की मांग करते हैं कि फ्रांस के राष्ट्रपति को भी उनके देश में ऐसा कानून बनाना चाहिए.

जबलपुर। राजधानी भोपाल के बाद जबलपुर में मुस्लिम युवाओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया. जबलपुर के अब्दुल हमीद चौक पर मुस्लिम युवाओं के समूह ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का पुतला जलाया. और मैक्रोनी के खिलाफ नारेबाजी की. दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं. जबलपुर में भी यही विरोध देखने को मिला जबलपुर के इन मुस्लिम युवाओं का आरोप है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो ने जानबूझकर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की है.

युवाओं का आरोप है कि पैगंबर साहब का कार्टून बनाना गलत था और फ्रांस के राष्ट्रपति ने ऐसा करने वाले को सजा देने की बजाय सम्मानित करके पूरे मुस्लिम समाज का अपमान किया है. युवाओं का कहना है कि जिस तरीके से भारत में यह कानून है कि कोई भी किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करेगा और यदि ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है. युवाओं की मांग है कि वह हिंसा का समर्थन नहीं करते लेकिन वह इस बात की मांग करते हैं कि फ्रांस के राष्ट्रपति को भी उनके देश में ऐसा कानून बनाना चाहिए.

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