जबलपुर। मध्यप्रदेश में आज विधानसभा का एक दिवसीय सत्र हुआ. कोरोना के चलते केवल सीमित विधायक और मंत्रियों ने ही इस सत्र में भाग लिया. जबलपुर के चार विधायक कलेक्ट्रेट के एनआईसी रुम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सत्र में शामिल हुए. इस दौरान विधायक विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री से कोविड-19 से बचाव की सुविधाओं का मुद्दा उठाया. इस पर मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाएं दुरस्त करने का आश्वासन दिया. सत्र में जबलपुर के पाटन से विधायक अजय विश्नोई, जबलपुर मध्य से विधायक विनय सक्सेना, कुंडम की विधायक नंदनी मरावी और पनागर विधायक सुशील तिवारी इंदू शामिल हुए.
चर्चा के दौरान विधायक विनय सक्सेना ने जबलपुर में कोरोनावायरस पीड़ित मरीजों के लिए एक अस्पताल बनाने की मांग की. साथ ही बैड बढ़ाने का जिक्र किया. जिस पर मुख्यमंत्री ने जबलपुर के लिए भी अलग से विचार करने का आश्वासन दिया है. हालांकि विनय सक्सेना ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि विधानसभा में बिना बहस के प्रस्तावों को पारित कर दिया गया.
जबलपुर पाटन से विधायक अजय विश्नोई ने बताया कि विधानसभा की कार्यवाही बहुत जरूरी थी, क्योंकि 6 माह के पहले विधानसभा सत्र बुलाना संवैधानिक बाध्यता होती है. इसके साथ ही प्रदेश से जुड़े हुए कई बजट के मामले थे, जिन्हें पारित कर लिया गया है.
अजय विश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात को स्पष्ट किया है कि कोरोनावायरस के लिए सुविधाएं पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है, सभी के लिए बराबर सुविधाएं मिलनी चाहिए, ऐसी कोशिश की जा रही है. इस कार्यवाही में जिले के आठ विधायकों को शामिल होना था, लेकिन कुछ के बीमार पड़ने और कुछ के लेट हो जाने के कारण केवल चार विधायकों ने ही विधानसभा सत्र में भाग लिया.