जबलपुर। टोक्यो ओलंपिक में 11वां दिन भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ियों के लिए खास रहा है. भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक में गोल्ड की प्रबल दावेदार टीम ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रचा है. रानी रामपाल की इस टीम ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया है और 1982 के बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है. भारत की ऐतिहासिक जीत पर पूर्व भारतीय महिला हाकी खिलाड़ी मधु यादव ने खुशी जताई है.
आज का दिन इतिहास के पन्नों में हुआ है दर्ज
1987 और 1991 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी पूर्व महिला हॉकी खिलाड़ी मधु यादव ने भारतीय टीम की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आज का दिन इतिहास के सुनहरे पन्नों में लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में गोल्ड की प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलिया टीम थी जो कि तेजी से बढ़ रही थी. भारत ने उनके अभियान को खत्म कर दिया है. पूर्व भारतीय हाकी खिलाड़ी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने शुरू से ही ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाकर रखा, जिसका नतीजा यह रहा कि हमें जीत मिली.
विदेशी कोच है जीत की सीढ़ी
खिलाड़ी मधु यादव ने महिला हॉकी टीम की जीत का श्रेय खिलाड़ियों के साथ-साथ विदेशी कोच को भी दिया है. उन्होंने कहा कि जब हम खेलते थे उस समय और आज के समय में बहुत अंतर आ गया है. आज न सिर्फ अत्याधुनिक तकनीक से खेल खेला जा रहा है बल्कि विदेशी कोचों की मदद से खिलाड़ियों का खेल और मनोबल दोनों बढ़ रहा है. आज वही काम आया कि भारतीय हॉकी टीम ने कई वर्षों बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है.
दिन प्रतिदिन आ रहा है खेल में निखार
जिस तरह से भारतीय महिलाओं के खिलाड़ियों ने अपना जज्बा दिखाते हुए जीत हासिल की है. वह यह बता रहा है कि दिन-प्रतिदिन उनके खेल में निखार आ रहा है. पूर्व भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी मधु यादव ने बताया कि 1982 में भी महिला हॉकी खिलाड़ी पदक लाये थे. उसके बाद से आज का दिन है, जब महिला हॉकी खिलाड़ियों ने ओलंपिक में मेडल पक्का किया है.