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humanity: जबलपुर में बीते एक साल से stray dogs को खिला रही खाना - स्नेहा ज्योति सिंह

शहर के स्नेहा ज्योति सिंह आवारा कुत्तों(stary dog) को खाना खिलाने का काम कर रही है. स्नेहा यह काम बीते एक साल से कर रही है. स्नेहा शहर के सड़कों के चौराहों पर जाकर करीब 200 कुत्तों को डॉग फूड(dog food) देती है. स्नेहा की सरकार से अपील है वह भी इन आवारा कुत्तों की मदद करें.

feeding stray dogs
आवारा कुत्तों को खाना देती महिला
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Published : Jun 19, 2021, 10:52 AM IST

जबलपुर(Jabalpur)। शहर की स्नेहा ज्योति सिंह ने मानवता की मिसाल पेश की है. स्नेहा ज्योति सिंह रोजाना कुत्ते को खाना खिलाती है. कोरोना की वजह से लंबे लॉकडाउन के कारण कुत्तों को खाने को नहीं मिल रहा है.कुत्तों को खाना मिल सके और उन्हें इधर -उधर न भटकना पड़ा इसलिए इस नेक काम को कर रही है स्नेहा ज्योति सिंह.

आवारा कुत्तों को खाना देने वाली महिला

रोजाना खिलाती है खाना

जबलपुर में गोल बाजार इलाके में रात के लगभग 1:30 बजे स्नेहा ज्योति आसपास के कुत्ते को खाना देती है. डॉग फूड के अलावा वो दूध, रोटी भी देती है .अलग-अलग किस्म के कुत्तों को खाना खिलाने के लिए भी डिब्बे लेकर चलती हैं. नेपियर टाउन, गोल बाजार ,सिविक सेंटर ,रानीताल बलदेव बाग ऐसे कुछ खास चौराहों पर कुत्ते को खाना देती है.

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खाने के साथ पीने के पानी की भी करती है व्यवस्था

सभी इलाकों में आवारा कुत्तों के पीने के पानी के लिए भी उन्होंने व्यवस्था की है. अलग-अलग जगहों पर मिट्टी और प्लास्टिक के बर्तन रखे हैं ताकि कुत्ते प्यासे न रह पाए . ज्योति सिंह बताती हैं कि वह पिछले लॉकडाउन से लगातार आवारा कुत्तों को खाना खिलाती आ रही है. देर रात घर से बाहर निकलने पर परिवार के विरोध जताने के सवाल पर वह कहती है परिवार के लोग उन्हें देर रात घर से निकलने पर आपत्ति नहीं जताते बल्कि उनकी मां उन्हें जानवरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती हैं. स्नेहा का कहना है कि अब उन्हें ऐसा करते हुए देखकर और भी लोगों ने इन जानवरों को खाना देते है .स्नेहा बीते 1 साल से कुत्तों को खाना खिला रही है. स्नेहा का कहना है अब लोग उन्हें पहचानने लगे हैं. दिन में खाना देने के सवाल पर स्नेहा कहती है वह ये काम दिन में भी कर सकती है लेकिन दिन में ट्रैफिक होने के कारण एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है. इसलिए वह रात में ही कुत्तों को खाना देती है. शहर के करीब 200 सड़क पर रहने वाले कुत्तों को नया जीवन मिला है. व्यक्तिगत स्तर पर तो वे मदद कर रही हैं लेकिन सरकार को भी इनके बारे में कुछ सोचना चाहिए.

जबलपुर(Jabalpur)। शहर की स्नेहा ज्योति सिंह ने मानवता की मिसाल पेश की है. स्नेहा ज्योति सिंह रोजाना कुत्ते को खाना खिलाती है. कोरोना की वजह से लंबे लॉकडाउन के कारण कुत्तों को खाने को नहीं मिल रहा है.कुत्तों को खाना मिल सके और उन्हें इधर -उधर न भटकना पड़ा इसलिए इस नेक काम को कर रही है स्नेहा ज्योति सिंह.

आवारा कुत्तों को खाना देने वाली महिला

रोजाना खिलाती है खाना

जबलपुर में गोल बाजार इलाके में रात के लगभग 1:30 बजे स्नेहा ज्योति आसपास के कुत्ते को खाना देती है. डॉग फूड के अलावा वो दूध, रोटी भी देती है .अलग-अलग किस्म के कुत्तों को खाना खिलाने के लिए भी डिब्बे लेकर चलती हैं. नेपियर टाउन, गोल बाजार ,सिविक सेंटर ,रानीताल बलदेव बाग ऐसे कुछ खास चौराहों पर कुत्ते को खाना देती है.

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खाने के साथ पीने के पानी की भी करती है व्यवस्था

सभी इलाकों में आवारा कुत्तों के पीने के पानी के लिए भी उन्होंने व्यवस्था की है. अलग-अलग जगहों पर मिट्टी और प्लास्टिक के बर्तन रखे हैं ताकि कुत्ते प्यासे न रह पाए . ज्योति सिंह बताती हैं कि वह पिछले लॉकडाउन से लगातार आवारा कुत्तों को खाना खिलाती आ रही है. देर रात घर से बाहर निकलने पर परिवार के विरोध जताने के सवाल पर वह कहती है परिवार के लोग उन्हें देर रात घर से निकलने पर आपत्ति नहीं जताते बल्कि उनकी मां उन्हें जानवरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती हैं. स्नेहा का कहना है कि अब उन्हें ऐसा करते हुए देखकर और भी लोगों ने इन जानवरों को खाना देते है .स्नेहा बीते 1 साल से कुत्तों को खाना खिला रही है. स्नेहा का कहना है अब लोग उन्हें पहचानने लगे हैं. दिन में खाना देने के सवाल पर स्नेहा कहती है वह ये काम दिन में भी कर सकती है लेकिन दिन में ट्रैफिक होने के कारण एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है. इसलिए वह रात में ही कुत्तों को खाना देती है. शहर के करीब 200 सड़क पर रहने वाले कुत्तों को नया जीवन मिला है. व्यक्तिगत स्तर पर तो वे मदद कर रही हैं लेकिन सरकार को भी इनके बारे में कुछ सोचना चाहिए.

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