जबलपुर। एक ओर किसान अपनी मांगों को लेकर सिंधू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश का किसान सरकारी तंत्र से परेशान हो चुका है. जबलपुर के सरोंद के कुकरभुका खरीदी केंद्र पर किसान अपनी उपज बेचने का इंतजार कर रहा है. लेकिन उसे शायद यह नहीं पता कि पस्त हो चुका सरकारी तंत्र उसकी परेशानी समझने वाला नहीं है.
दरअसल, खरीदी केंद्र पर करीब 1700 किसानों का पंजीयन किया गया है. तीन केंद्रों को मिलाकर जिला प्रशासन ने एक केंद्र बनाया है ताकि व्यापक स्तर पर उपज की खरीदी हो सके, लेकिन सारी व्यवस्था दिखावटी नजर आ रही है. खरीदी केंद्र पर अभी तक करीब 325 किसानों की खरीदी हुई है. परेशान किसानों ने बताया कि पहले तो एसएमएस के लिए इंतजार कराया गया और जब एसएमएस आ गया तो उपज यहां लाने के बाद बारदाना नहीं है.
इसके साथ ही बीते एक सप्ताह से खरीदी गई उपज का परिवहन न होने से बाकी किसानों को अपनी धान रखने जगह नहीं मिल रही थी. जैसे-तैसे परिवहन शुरू हुआ और बारदाना आया तो बंटा नहीं है. एक समस्या हल हुई तो दूसरी समस्या खड़ी हो गई, यही नहीं सब कुछ ठीक रहता है तब भी किसान को प्रति क्विंटल 30 रुपये लोडिंग अनलोडिंग के नाम पर कमीशन देना पड़ता है.
किसानों का कहना है कि यदि वे इसकी शिकायत या विरोध करते हैं तो उनकी उपज को अमानक बताकर रिजेक्ट कर दिया जाता है, जिससे किसान सबकुछ चुपचाप बर्दाश्त कर रहा है. इस संबंध में जब मौके पर मौजूद खाद्य अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने किसी भी प्रकार की समस्या होने से इंकार कर दिया.