जबलपुर। मध्य प्रदेश में किसानों के लिए इस रबी के सीजन में लगातार समस्या बढ़ती जा रही है. कहीं खाद की किल्लत है, तो कहीं ट्रांसफार्मर खराब होने से फसलों की सिंचाई प्रभावित हो रही है. ऐसे में किसानों की समस्या को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और पाटन विधायक अजय विश्नोई ने सीएम शिवराज को फिर से एक लेटर लिखा है. इस पत्र में अजय विश्नोई ने सीएम से किसानों की समस्या के निराकरण की मांग की है.
DAP नहीं तो NPK से चलाना होगा काम
प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा है कि "किसान डीएपी की मांग कर रहा है, पर राष्ट्रीय स्तर पर डीएपी नहीं है, इसलिए किसानों को यह समझना चाहिए कि सरकार चाह कर भी डीएपी उपलब्ध नहीं करवा सकती है. सरकार एनपीके उपलब्ध करवा सकती है जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयास भी कर रही है."
जानिए एनपीके और डीएपी में फर्क?
खाद दो प्रकार की होती है एक होती है एनपीके और दूसरी होती है डीएपी. डीएपी में यूरिया और फास्फेट होती है. एनपीके में पोटाश भी मिली रहती है पर चलन में आमतौर पर डीएपी खाद है, जिसे किसान उपयोग करते आ रहे है और उसी की मांग कर रहे हैं. वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है, एनपीके का हाल ही में एक रैक जबलपुर आया है इतना जरूर है कि एनपीके, डीएपी के मुकाबले मंहगी है.
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खाद के साथ साथ ट्रांसफार्मर की भी है समस्या
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने कहा कि वर्तमान में खाद के साथ साथ किसान बिजली ट्रांसफार्मर से भी परेशान है. बिजली ट्रांसफार्मर की पाटन विधानसभा में क्या स्थिति है उसको लेकर अजय विश्नोई ने कहा कि रोजाना ट्रांसफार्मर जल रहे है, जरूरत से ज्यादा जल रहे है और इसके बाद आसानी से नहीं मिल रहे है, जिसके चलते किसान परेशान हो रहा हैं, फसल खराब हो रही है.