जबलपुर/शिवपुरी। मध्य प्रदेश में उपार्जन केंद्रों पर बड़ी धांधली सामने आई है. यहां किसानों से गेहूं खरीदी के लिए कमीशन मांगी जा रही है. इससे नाराज किसानों ने गेहूं खरीदी केंद्रों पर गेहूं बेचने से ही मना कर दिया है. प्रदेश के जबलपुर और शिवपुरी से ऐसे मामले हाल ही में प्रकाश में आए हैं. ये वे मामले हैं, जो मीडिया तक पहुंचे. जबकि कई जिलों में किसान कमीशन देकर अपना गेहूं को बेच रहा है. शिवपुरी में तो हद हो गई. किसान ने गेहूं तो बेच दिया, लेकिन अभी तक उसका पेमेंट नहीं मिला है. ऐसे में किसान प्रह्लाद राठौर की बहन की 15 मई को शादी है. (wheat procurement center jabalpur)
शिवराज सरकार से नाराज किसानः जबलपुर की बरगी तहसील के ग्राम पिपरिया में शासकीय गेहूं उपार्जन का काम चल रहा है, जहां नाराज किसानों ने उपार्जन केंद्रों में अपना गेहूं बेचने से मनाही कर दी है. किसानों का आरोप है कि केंद्र में पदस्थ महिलाओं का समूह गेहूं खरीदी के नाम पर कमीशन मांग रहा है, जिसके चलते हम न ही कमीशन देंगे और न ही अपना गेहूं. ऐसे में शिवराज सरकार से नाराज किसान गेहूं वापस घर ले आए हैं. (farmer not sold wheat in jabalpur)
प्रति क्विंटल पर मांगे गए 20 रुपयेः किसान लक्ष्मण प्रसाद बताते हैं कि वो अपना करीब 400 क्विंटल गेहूं लेकर नवयुग खरीदी केंद्र पहुंचे थे. वहां पर उनसे प्रति क्विंटल 20 रुपये और तुलाई-प्रिंट के लिए रुपये की मांग की थी. जब किसान ने रुपये देने से मना किया, तो उससे कमीशन को लेकर जबरजस्ती की. वहीं कुछ किसानों ने मजबूरी में उपार्जन केंद्र में कमीशन देकर अपना गेहूं दिया है.
उपार्जन केंद्र प्रभारी ने बताया आरोप को निराधारः उपार्जन केंद्र में कमीशन मांगें जाने को लेकर नाराज किसान अपना गेहूं वापस ले आए. शिकायत पहुंची तो जांच भी शुरू हो गई. इधर, उपार्जन केंद्र प्रभारी का कहना है कि समूह पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वो निराधार हैं. किसी भी किसान से रुपये नहीं लिए गए हैं. वहीं आरोप को लेकर चल रही जांच पर समूह की अध्यक्ष का कहना है कि महिलाएं समूह चला रही हैं, जिसके कारण इस तरह की स्थिति बनी हुई है.
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कर रहे जांचः स्थानीय किसानों ने समूह के द्वारा कमीशन मांगें जाने की शिकायत कलेक्टर से लेकर जिला आपूर्ति अधिकारी से की. इसके बाद अब जांच शुरू की गई है. किसानों के आरोपों के मामले में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी जांच कर रहे हैं. जिला आपूर्ति अधिकारी का कहना है कि जांच में अगर आरोप सिद्ध पाए जाते हैं. समूह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में फिर कभी उसे काम नहीं दिया जाएगा.
समर्थन मूल्य पर फसल बेचना किसानों को पड़ा भारी, 15 मई को बहन की शादी की परेशानी सता रही
शिवपुरी के किसान को नहीं मिला पेमेंटः वहीं शिवपुरी के कोलारस अनुविभाग के एक किसान परिवार को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना भारी पड़ रहा है. किसान ने गेहूं समर्थन मूल्य पर बेच दिया, उसका भुगतान आज तक नहीं हो सका है. इसकी वजह से अब किसान परेशान हैं. रिजोदा के रहने वाले किसान प्रह्लाद राठौर की बहन की 15 मई को शादी है, जिसकी वजह से किसान और चिंतित है. किसान प्रह्लाद राठौर ने 191 क्विंटल गेहूं की फसल वेयरहाउस पर समर्थन मूल्य पर बेच दी थी. जिसके भुगतान के लिए रसीदें भी दी गई थीं. फसल का भुगतान 4 से 5 दिन के अंदर करने की बात प्रबंधन द्वारा कही गई थी, लेकिन उस फसल का भुगतान नहीं किया गया. जब मैं भुगतान की बात करने वेयरहाउस पर गया तो मुझे खाते में आधार ना लिंक होने की बात कहकर टाल दिया गया.