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खलिहान बना स्कूल! प्रिंसिपल के मना करने के बाद भी परिसर में फसल सुखा रहे दबंग, नींद में विभाग - school barn

जबलपुर के पाटन के मर्रई गांव के सरकारी स्कूल में इन दिनों किसान पुरुषोत्तम राजपूत की दबंगई देखने को मिली है.प्राचार्य के मना करने के बावजूद किसान ने अपनी उड़द और मूंग की फसल को स्कूल परिसर में रख दिया है. वहीं शिक्षा विभाग उदासीन बना हुआ है.

किसान ने स्कूल को बनाया खलिहान
किसान ने स्कूल को बनाया खलिहान
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Published : Jun 26, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 1:02 PM IST

जबलपुर।जिले के पाटन के मर्रई गांव के एकीकृत सरकारी हाईस्कूल में गांव के ही किसान पुरुषोत्तम राजपूत की दबंगई सामने आई है. बता दें कि प्राचार्य बी एस परस्ते के मना करने के बावजूद गांव के ही दबंग किसान ने अपनी मूंग और उड़द की फसल को स्कूल परिसर में रख दिया है और स्कूल में ही सुखा रहा है. इतना ही नहीं किसान ने अपने ट्रॉली को भी स्कूल परिसर में ही रख दिया है. किसान की दबंगई के आगे ग्रामीण आवाज उठा रहे हैं लेकिन किसान किसी की नहीं सुन रहा. वहीं प्रिंसिपल ने भी अपने आलाधिकारियों को मामले से अवगत नहीं कराया है और न ही कहीं और दबंगई को लेकर शिकायत की है. जिससे उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है. अब देखना होगा शिक्षा विभाग क्या कदम उठाता है.

किसान ने स्कूल को बनाया खलिहान


स्कूल बना खलिहान

पाटन जनपद के मुर्रई गांव के स्कूल में पुरुषोत्तम राजपूत नामक किसान ने कब्जा जमा लिया और स्कूल परिसर में ही मूंग, उड़द की फसल खेतों से लाकर रख दी और दाना निकालकर स्कूल परिसर के सामने ही सूखने रख दी है, जब ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची, तो स्कूल परिसर कम खलिहान ज्यादा दिखाई दे रहा था, एक तरफ ट्रैक्टर की ट्रॉली रखी हुई थी, तो सामने मूंग और उड़द सूख रही थी.

ग्रामीणों ने किया विरोध

बताया जा रहा है कि ग्रामीण भी दबंगक किसान के खिलाफ मुंह खोलने से बचते हैं लेकिन स्कूल में फसल रखने का कुछ ग्रामीण विरोध कर रहे हैं लेकिन उनकी भी दबंग किसान नहीं सुन रहा और दबंगई जारी है. गांव के धर्मेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि स्कूल में बच्चों का अधिकार रहता है, किसानों का नहीं, यदि किसी ने स्कूल को खलिहान बना दिया है, तो यह गलत है. वहीं गांव के ही रामनारायण श्रीवास का कहना है कि जब सरकार शादी जैसे कार्यक्रम के लिए स्कूल लोगों को नहीं देती, फिर कैसे फसल रखने दी गई.

प्राचार्य ने क्या कहा?

वहीं इस मामले में स्कूल के प्राचार्य बी एस परस्ते का कहना है कि खलिहान बनाने के लिए किसान से मना किया गया, लेकिन किसान नहीं माना और अपनी फसल स्कूल के सामने ही रखकर नियम को ठेंगा दिखा रहा है.वहीं स्कूल खुलने को लेकर उन्होने कहा कि अभी प्रवेश प्रक्रिया जारी है जो 30 जून तक चलेगी. सिर्फ टीचर आ रहे हैं बच्चे नहीं. फिर भी किसान का स्कूल में फसल रखना किसी भी तरह से सही नहीं है.

डीईओ ने क्या कहा?

मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी से बात की गई तो उन्होने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही. साथ ही कहा कि ऐसा कुछ है तो मैं पता करूंगा और जांच के बाद जरुर कार्रवाई होगी.

MP में सरकारी बीज नहीं मिलने से किसान 'स्वाहा', खतरे में सोयाबीन स्टेट का दर्जा

बहरहाल सवाल उठता है कि जब स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा किसान को मना किया गया कि स्कूल परिसर के भीतर फसल न रखें, बावजूद इसके किसान ने दबंगई दिखाते हुए स्कूल परिसर के अंदर ही मूंग, उड़द की फसल रख दी. ऐसे में देखना होगा कि इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी क्या जांच करते हैं और क्या कुछ कार्रवाई करते हैं.

जबलपुर।जिले के पाटन के मर्रई गांव के एकीकृत सरकारी हाईस्कूल में गांव के ही किसान पुरुषोत्तम राजपूत की दबंगई सामने आई है. बता दें कि प्राचार्य बी एस परस्ते के मना करने के बावजूद गांव के ही दबंग किसान ने अपनी मूंग और उड़द की फसल को स्कूल परिसर में रख दिया है और स्कूल में ही सुखा रहा है. इतना ही नहीं किसान ने अपने ट्रॉली को भी स्कूल परिसर में ही रख दिया है. किसान की दबंगई के आगे ग्रामीण आवाज उठा रहे हैं लेकिन किसान किसी की नहीं सुन रहा. वहीं प्रिंसिपल ने भी अपने आलाधिकारियों को मामले से अवगत नहीं कराया है और न ही कहीं और दबंगई को लेकर शिकायत की है. जिससे उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है. अब देखना होगा शिक्षा विभाग क्या कदम उठाता है.

किसान ने स्कूल को बनाया खलिहान


स्कूल बना खलिहान

पाटन जनपद के मुर्रई गांव के स्कूल में पुरुषोत्तम राजपूत नामक किसान ने कब्जा जमा लिया और स्कूल परिसर में ही मूंग, उड़द की फसल खेतों से लाकर रख दी और दाना निकालकर स्कूल परिसर के सामने ही सूखने रख दी है, जब ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची, तो स्कूल परिसर कम खलिहान ज्यादा दिखाई दे रहा था, एक तरफ ट्रैक्टर की ट्रॉली रखी हुई थी, तो सामने मूंग और उड़द सूख रही थी.

ग्रामीणों ने किया विरोध

बताया जा रहा है कि ग्रामीण भी दबंगक किसान के खिलाफ मुंह खोलने से बचते हैं लेकिन स्कूल में फसल रखने का कुछ ग्रामीण विरोध कर रहे हैं लेकिन उनकी भी दबंग किसान नहीं सुन रहा और दबंगई जारी है. गांव के धर्मेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि स्कूल में बच्चों का अधिकार रहता है, किसानों का नहीं, यदि किसी ने स्कूल को खलिहान बना दिया है, तो यह गलत है. वहीं गांव के ही रामनारायण श्रीवास का कहना है कि जब सरकार शादी जैसे कार्यक्रम के लिए स्कूल लोगों को नहीं देती, फिर कैसे फसल रखने दी गई.

प्राचार्य ने क्या कहा?

वहीं इस मामले में स्कूल के प्राचार्य बी एस परस्ते का कहना है कि खलिहान बनाने के लिए किसान से मना किया गया, लेकिन किसान नहीं माना और अपनी फसल स्कूल के सामने ही रखकर नियम को ठेंगा दिखा रहा है.वहीं स्कूल खुलने को लेकर उन्होने कहा कि अभी प्रवेश प्रक्रिया जारी है जो 30 जून तक चलेगी. सिर्फ टीचर आ रहे हैं बच्चे नहीं. फिर भी किसान का स्कूल में फसल रखना किसी भी तरह से सही नहीं है.

डीईओ ने क्या कहा?

मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी से बात की गई तो उन्होने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही. साथ ही कहा कि ऐसा कुछ है तो मैं पता करूंगा और जांच के बाद जरुर कार्रवाई होगी.

MP में सरकारी बीज नहीं मिलने से किसान 'स्वाहा', खतरे में सोयाबीन स्टेट का दर्जा

बहरहाल सवाल उठता है कि जब स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा किसान को मना किया गया कि स्कूल परिसर के भीतर फसल न रखें, बावजूद इसके किसान ने दबंगई दिखाते हुए स्कूल परिसर के अंदर ही मूंग, उड़द की फसल रख दी. ऐसे में देखना होगा कि इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी क्या जांच करते हैं और क्या कुछ कार्रवाई करते हैं.

Last Updated : Jun 26, 2021, 1:02 PM IST
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