जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग (Fake employees in Health Department) में फर्जी अंक सूची (Fake Mark Sheet) के आधार पर युवाओं को नौकरी लगवाने वाले गिरोह के सरगना को ओमती थाना पुलिस (Omati Police) ने दबोच लिया है. पुलिस ने सरगना के अलावा तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है, मास्टर माइंड 31 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर है. पुलिस गिरफ्त में आए सभी आरोपी 2011 से स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ थे, जिन्हें 2020 में बर्खास्त कर दिया गया था.
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फर्जी अंक सूची के आधार पर पाई नौकरी
रांझी मड़ई निवासी दिलशाद खान फर्जी अंक सूची (Fake Mark Sheet) बनवाकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में नौकरी दिलवाने का काम करता था, इस नेटवर्क का यही मास्टरमाइंड है, अभी तक दिलशाद खान ने 100 से ज्यादा लोगों की फर्जी अंक सूची बनवाकर नौकरी लगवाई है, इसी आरोप में पहले भी वह गिरफ्तार हो चुका है, दिलशाद खान ने साल 2011 में साधना मसकोले निवासी सिवनी, अरविंद रजक निवासी जबलपुर, संदीप बर्मन निवासी डिंडौरी और कडोरी लाल निवासी कटनी की लैब टेक्नीशियन के पद पर नौकरी लगवाई थी, ताज्जुब की बात तो यह है कि चारो ही लोग जबलपुर स्वास्थ्य विभाग में 2011 से नौकरी भी कर रहे थे.
CMHO ने की थी ओमती थाने में शिकायत
जबलपुर जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (Chief Health and Medical Officer) ने 2020 में साधना मसकोले, अरविंद रजक, संदीप बर्मन और कडोरी लाल के दस्तावेजों की जांच करवाई थी, तब पाया गया कि चारो ही लोग फर्जी अंक सूची (Fake Mark Sheet) के माध्यम से नैकरी कर रहे हैं, जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त (Dismissed From Service) कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.
सरगना सहित चार आरोपी गिरफ्तार
2020 में सेवा से बर्खास्त साधना, संदीप, अरविंद और कडोरी लाल सहित दिलशाद खान के खिलाफ (Chief Health and Medical Officer) की शिकायत पर ओमती थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और आज तीन आरोपी साधना, संदीप और अरविंद सहित सरगना दिलशाद खान को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कडोरी लाल अभी फरार है, दिलशाद खान की स्वास्थ्य विभाग में अच्छी पकड़ है, लिहाजा वह 50000 से एक लाख रुपए तक लेकर स्वास्थ्य विभाग (Job in Health Department) में नौकरी लगवाने का काम करता था.