जबलपुर। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने अब गायों की रक्षा और सुरक्षा के लिए गौधन संरक्षण और गौ संवर्धन के लिए "गौ कैबिनेट" गठित किया है. इसकी अहम बैठक आगर मालवा जिले में होनी थी, जिसे स्थगित कर दिया गया था, यह बैठक 22 नवंबर को भोपाल में की गई. इस कैबिनेट में 6 विभागों को शामिल किया गया है. गौ कैबिनेट का गठन होने के बाद आज ईटीवी भारत ने संस्कारधानी जबलपुर की सबसे बड़ी गौशाला, गौ सेवा केंद्र तिलवारा, जिसे नगर निगम संचालित करता है उसकी हकीकत जानी.
जबलपुर के तिलवारा घाट में स्थापित है गौ सेवा केंद्र
तिलवारा घाट स्थित गौशाला को जबलपुर नगर निगम ने 2018-19 से संचालित करना शुरू किया था, वर्तमान समय में इस गौशाला में करीब 700 गाय और बछड़े हैं, जिनकी सेवा के लिए जबलपुर नगर निगम ने 35 से 40 कर्मचारियों को नियुक्त किया है. गौशाला में रहने वाले गायों की 24 घंटे देखरेख करते हैं. इतना ही नहीं उनके भूसा पानी के लिए नगर निगम ने पर्याप्त व्यवस्था भी कर रखी है.
चार डॉक्टर और दवाइयों का भी है भरपूर स्टॉक
गौ सेवा केंद्र की रियलिटी चेक के दौरान देखा गया कि गौशाला में गायों के इलाज के लिए न सिर्फ डॉक्टरों की तैनाती की गई है, बल्कि लाखों रुपए की दवा का स्टॉक भी रखा गया है. जानकारी के मुताबिक गौ सेवा केंद्र में चार डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है, जो कि 24 घंटे घायल और बीमार गायों को ठीक करने का काम किया करते हैं. इतना ही नहीं नगर निगम गौ सेवा केंद्र में लाखों रुपए की दवाइयों का स्टॉक भी है, जो कि जरूरत पड़ने पर घायल या बीमार गायों को दिया जाता है.
दुर्घटना में घायल गायों का किया जाता है इलाज
गौ सेवा केंद्र में घायल गायों का इलाज करने वाले डॉक्टर संजय यादव बताते हैं कि आमतौर में रोजाना यहां पर घायल गायों को लाया जाता है यह वह गाय होती हैं, जो कि सड़क दुर्घटना में घायल हो जाती हैं, यहां लाने के बाद उन घायल गायों का ऑपरेशन कर उनका इलाज किया जाता है. घायल गाय के इलाज के लिए गौशाला में ही आईसीयू वार्ड बनाया गया है. डॉक्टर संजय यादव के मुताबिक गौशाला में रोजाना 5 से 7 घायल हुई गाय को लाया जाता है और फिर यहां आईसीयू वार्ड में रखकर उन्हें स्वस्थ करने का काम किया जाता है.
पहले के अपेक्षा गाय की मौत में आई है कमी.
तिलवारा घाट गौ सेवा केंद्र में वर्तमान में करीब ढाई सौ एकड़ में बना हुआ है और इस ढाई एकड़ के गौ सेवा केंद्र में आज 700 गाय और बछड़े हैं. जानकारी के मुताबिक हाल ही के कुछ दिन पहले तक इस गौशाला में इलाज के अभाव में बहुत सी गाय की मौत होती थी, लेकिन जब से डॉक्टरों की तैनाती हुई है, तब से गायों की मौतों में काफी हद तक कमी आई है.
नानाजी देशमुख चिकित्सा विश्वविद्यालय के डीन ने गायों को स्वस्थ रखने के लिए दी सलाह
नानाजी देशमुख चिकित्सा विश्वविद्यालय के डीन डॉ आर के शर्मा का कहना है कि निश्चित रूप से जिन गौशालाओं में गाय को रखा जाता है, वहां पर साफ सफाई होना बहुत ही आवश्यक होता है, क्योंकि अगर जहां साफ सफाई नहीं होती है, तो वहां पर बैक्टरिया बढ़ जाते हैं, और उन फिर वही बैक्टरिया गायों को बीमार कर देते हैं. इतना ही नहीं समय-समय पर गाय के खाने पीने की व्यवस्था करना भी उनके स्वास्थ्य को लेकर अनिवार्य होता है.
गौ कैबिनेट का गठन होने के बाद क्या बदलेगी गौ माता की हालत
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने गायों की सुरक्षा के लिए गौ कैबिनेट का गठन किया है, जिसे की प्रदेश के 6 विभाग मिलकर संभाल लेंगे, गौ कैबिनेट की बैठक जल्द ही मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में होनी है, इस बैठक में 6 विभाग के मंत्री सचिव सहित कई गौ भक्त भी शामिल होंगे. अब देखना यह होगा कि गौ कैबिनेट के गठन होने के बाद क्या वाकई में गायों की दुर्दशा सुधरती है या फिर उन्हें उसी तरह अपने हालात में रहना पड़ता है.
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गौ-कैबिनेट में ये मंत्री बनाए गए सदस्य
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऐलान के साथ ही गौ कैबिनेट का गठन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में पांच मंत्रियों को इसका सदस्य बनाया गया है. इसमें गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल को सदस्य बनाया गया है. पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव समिति के भार साधक सचिव होंगे.