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सरकार को लगाया चूना, अब भुगतो! अवैध खनन का परमिट देने वाले अफसरों पर FIR, 10 पर केस, EOS का एक्शन - खनन घोटाले में एफआईआई

EOW यानि आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ने बड़ा एक्शन लिया है. ब्यूरो ने WCL के अधिकारियों सहित 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मामला कर चोरी से जुड़ा बताया जा रहा है.

eos action against officers
अफसरों पर FIR, 10 पर केस, EOS का एक्शन
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Published : Sep 28, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 5:34 PM IST

जबलपुर। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड छिंदवाड़ा भाजीपानी के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक सहित 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर(FIR) दर्ज की है. एफआईआर की लिस्ट में कई खनिज अधिकारी क्षेत्रीय अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक भी हैं. इन सभी अधिकारियों ने मिलकर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया था.

सरकार को लगाया चूना, अब हुई FIR

जानकारी के मुताबिक राज्य शासन ने क्षेत्रीय कार्यालय मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देशित किया था, कि वायु और जल कर प्राप्त किए बिना कोई भी खदान संचालित नहीं होगी. इसकी निगरानी आपको करनी है. इसके विपरीत छिंदवाड़ा जिले के भाजीपानी में वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड 2004 से 2011 तक खदान संचालित कर रहा था.इस दौरान कंपनी ने 4 लाख 23 हजार 864 मीट्रिक टन कोयला खदान(Coal Scam) से निकाला, लेकिन वायु और जल कर नहीं चुकाया.

ऐसे लगाई सरकार को लाखों की चपत

छिंदवाड़ा जिले में पदस्थ खनिज अधिकारियों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों पर आरोप (Coal Scam) है कि उन्होंने सरकारी आदेश को नहीं माना. WCL की खदान में अवैध खनन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए. EOW की जांच में ये बात भी सामने आई है, कि दोनों ही विभाग के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. इन्होंने नियम विरुद्ध खनन के परमिट पास जारी किए थे. खनिज विभाग और प्रदूषण बोर्ड ने कंपनी को अवैध उत्खनन के लिए कोई भी नोटिस तक जारी नहीं किया. जांच में यह भी सामने आया है कि खदान प्रबंधन, खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मिलीभगत से वायु और जल सम्मति के बिना खदान संचालन की अनुमति दे दी. इससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.

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इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

  • अनिल कुमार शर्मा, तत्कालीन खनिज अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • प्रकाश पन्द्रे, तत्कालीन खनिज अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • शशांक शुक्ला, तत्कालीन खनिज अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • एस.एन पाटिल, तत्कालीन उप क्षेत्रीय अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • अरविंद तिवारी ,तत्कालीन उप क्षेत्रीय अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • वैज्ञानिक डी.बी.एस जाटव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर
  • जितेंद्र तिवारी, तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक वेस्टर्न कोल लिमिटेड
  • पीके चक्रवर्ती, तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक, वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड
  • पी कोटेश्वर, खदान प्रबंधक, वेस्टर्न कोल इंडिया लिमिटेड
  • ए.के राय, सब एरिया मैनेजर, वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड

जबलपुर। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड छिंदवाड़ा भाजीपानी के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक सहित 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर(FIR) दर्ज की है. एफआईआर की लिस्ट में कई खनिज अधिकारी क्षेत्रीय अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक भी हैं. इन सभी अधिकारियों ने मिलकर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया था.

सरकार को लगाया चूना, अब हुई FIR

जानकारी के मुताबिक राज्य शासन ने क्षेत्रीय कार्यालय मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देशित किया था, कि वायु और जल कर प्राप्त किए बिना कोई भी खदान संचालित नहीं होगी. इसकी निगरानी आपको करनी है. इसके विपरीत छिंदवाड़ा जिले के भाजीपानी में वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड 2004 से 2011 तक खदान संचालित कर रहा था.इस दौरान कंपनी ने 4 लाख 23 हजार 864 मीट्रिक टन कोयला खदान(Coal Scam) से निकाला, लेकिन वायु और जल कर नहीं चुकाया.

ऐसे लगाई सरकार को लाखों की चपत

छिंदवाड़ा जिले में पदस्थ खनिज अधिकारियों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों पर आरोप (Coal Scam) है कि उन्होंने सरकारी आदेश को नहीं माना. WCL की खदान में अवैध खनन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए. EOW की जांच में ये बात भी सामने आई है, कि दोनों ही विभाग के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. इन्होंने नियम विरुद्ध खनन के परमिट पास जारी किए थे. खनिज विभाग और प्रदूषण बोर्ड ने कंपनी को अवैध उत्खनन के लिए कोई भी नोटिस तक जारी नहीं किया. जांच में यह भी सामने आया है कि खदान प्रबंधन, खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मिलीभगत से वायु और जल सम्मति के बिना खदान संचालन की अनुमति दे दी. इससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.

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इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

  • अनिल कुमार शर्मा, तत्कालीन खनिज अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • प्रकाश पन्द्रे, तत्कालीन खनिज अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • शशांक शुक्ला, तत्कालीन खनिज अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • एस.एन पाटिल, तत्कालीन उप क्षेत्रीय अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • अरविंद तिवारी ,तत्कालीन उप क्षेत्रीय अधिकारी, छिंदवाड़ा
  • वैज्ञानिक डी.बी.एस जाटव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर
  • जितेंद्र तिवारी, तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक वेस्टर्न कोल लिमिटेड
  • पीके चक्रवर्ती, तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक, वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड
  • पी कोटेश्वर, खदान प्रबंधक, वेस्टर्न कोल इंडिया लिमिटेड
  • ए.के राय, सब एरिया मैनेजर, वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड
Last Updated : Sep 28, 2021, 5:34 PM IST
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