जबलपुर। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के गंजबासौदा, बालाघाट, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़ और रीवा कृषि महाविद्यालय और इन सभी जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारियों ने काम बंद और कलम बंद हड़ताल कर दी. विश्वविद्यालय में बीते 4 दिनों से पूरा कामकाज ठप पड़ा हुआ है और यहां शिक्षकों के अलावा बाकी पूरा स्टाफ काम नहीं कर रहा है. इन लोगों की मांग है कि उन्हें सातवां वेतनमान दिया जाए. दरअसल, कृषि विश्वविद्यालयों में टीचिंग स्टाफ को सातवां वेतनमान मिल गया है लेकिन कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है.
तालाबंदी की चेतावनी : इसके पहले भी कर्मचारियों ने कई बार आंदोलन किए जब उन्हें कोई सार्थक परिणाम नहीं मिला तो हड़ताल कर दी. इस बार कर्मचारियों का कहना है कि वह तब तक आंदोलन करेंगे जब तक उनकी मांगें सरकार मान नहीं लेती. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि इस क्रमिक आंदोलन में शुरुआत में काम बंद और कलम बंद हड़ताल की गई है. अब विश्वविद्यालय में तालाबंदी की जाएगी. सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया जाएगा और जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक धरना और प्रदर्शन जारी रहेगा.
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कर्मचारी काम करने को तैयार नहीं : चुनाव के साल में केवल कृषि विभाग ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉक्टर सभी ने वेतन संबंधी मांगों को लेकर सरकार के सामने प्रस्ताव रखे हैं. सरकार ने अधिकारियों की मांगें तो मान ली हैं लेकिन कर्मचारियों के मामले में सरकार हामी नहीं भर रही है. इसलिए आए दिन अलग-अलग विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. कृषि विश्वविद्यालय और कृषि अनुसंधान केंद्र के हड़ताली कर्मचारियों की वजह से केवल कृषि की शिक्षा में लगे हुए छात्र-छात्राओं का ही नुकसान नहीं होता बल्कि कृषि अनुसंधान पर भी असर पड़ता है.