जबलपुर। लॉकडाउन ने आर्थिक व्यवस्था के साथ-साथ पारिवारिक हालातों को भी बदल कर रख दिया है, लॉकडाउन के दौरान घर से नहीं निकलने की स्थिति में घरों के अंदर पति-पत्नी में विवाद के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. हाल ही में पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में आए केस बता रहे हैं कि घरेलू हिंसा के मामले दोगुने हो गए हैं. जिनमें पुरूष सबसे ज्यादा पत्नियों के द्वारा मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं. एक तो लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी का सितम, दूसरा घर में रह रहे पति पत्नी के बीच विवाद.
आंकड़े बता रहे हैं पुरुषों की स्थिति
पुलिस परामर्श केंद्र से मिले आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन खुलने के 15 दिनों में जबलपुर के पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में घरेलू हिंसा की करीब 250 शिकायतें दर्ज की गई है जो कि अब तक के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा है, हर साल जबलपुर में करीब 750 आत्म हत्याएं होती है, लेकिन इस साल करीब 7 माह में ही आत्महत्याओं के मामले 800 से ज्यादा दर्ज किए गए हैं इन आत्महत्याओं में पुरुषों की संख्या करीब 70 फीसदी है.
पत्नी से ज्यादा पति घरेलू हिंसा के शिकार
कोरोना संकट से निपटने के लिए बार-बार लगाए जा रहे लॉकडाउन खासकर घरेलू पुरुषों पर भारी पड़ रहे हैं. जबलपुर पुलिस के परिवार परामर्श केंद्र के आंकड़े भी कुछ यही बया कर रहे हैं. जबलपुर एसपी ऑफिस में स्थित पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में घरेलू विवाद की जो शिकायतें सामने आई है, उसमें सबसे ज्यादा शिकायत पुरुषों की मिली है, यह पुरुष घर पर अपनी पत्नियों के हाथ घरेलू प्रताड़ना के शिकार हुए हैं. पुरुषों ने जो शिकायत परामर्श केंद्र में दर्ज करवाई है, उसमें पत्नियों पर मारपीट और पैसे ना होने पर मानसिक प्रताड़ना करने के लगाए गए हैं.
घरेलू विवाद के रिकॉर्ड तोड़ आवेदन
पुलिस परामर्श केंद्र के प्रभारी अंशुमन शुक्ला बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान घरों में विवाद रफ्तार से बढ़े हैं, घरेलू हिंसा की करीब 250 शिकायतें दर्ज की गई है जो कि अब तक के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा है जिनमें पुरूषों के मामले ज्यादा है. यहां तक की फोन के माध्यम से भी काउंसलिंग देकर मामलों को सुलझाया जा रहा है.
पत्नी से तंग होकर आत्महत्या की ओर बढ़ रहे पति
पुलिस परामर्श केंद्र की मानें तो दंपति जीवन आत्महत्या की ओर बढ़ रहा है. क्योंकि पति के आगे रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं, घर को चलाने की उसके आगे समस्या है, इसके अलावा पत्नियों की ख्वाहिशें भी गृह कलेश का कारण बन रही हैं. इस वजह से पति अपनी पत्नी द्वारा ज्यादा प्रताड़ित हो रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान पति पत्नी के बीच विवाद के मामले पूरे प्रदेश में बढ़े हैं, पति पत्नी के बीच विवाद को सुलझाने के लिए परामर्श केंद्र पूरी कोशिश करता है, ताकि दंपति जीवन सुखमय तरीके से चल सके, जिसके लिए दंपति को समझाइश दी जाती है, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का भी सहारा लिया जाता है.
पुरुष मानसिक प्रताड़ना के शिकार
एसपी ऑफिस में स्थित पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में घरेलू विवाद की जो शिकायतें सामने आई है, उसमें सबसे ज्यादा शिकायत पुरुषों की मिली है, यह पुरुष घर पर अपनी पत्नियों के हाथ घरेलू प्रताड़ना के शिकार हुए हैं. पुरुषों ने जो शिकायत परामर्श केंद्र में दर्ज करवाई है, उसमें पत्नियों पर मारपीट और पैसे ना होने पर मानसिक प्रताड़ना करने के लगाए गए हैं.
पुरुष प्रताड़ना के मामले में भोपाल नंबर-1
देश में जो भी कानून बनाए गए हैं वह केवल पत्नी और बहू नाम की महिलाओं के लिए ही हैं अगर कोई पुरुष प्रताड़ना की शिकायत लेकर थाने या कानूनी मदद मांगने जाता है तो उसकी रिपोर्ट तो लिखी ही नहीं जाती है. जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन में घर पर रह रहे पुरुषों पर प्रताड़ना के मामलों में 17.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसमें भोपाल पहले इंदौर दूसरे और जबलपुर तीसरे स्थान पर रहा है.
दो साल का ग्राफ
साल 2019 में पुरूषों पर हुई प्रतड़ना के मामले एमपी में 8108, भोपाल में 400, इंदौर में 361, जबलपुर में 328 और ग्वालियर में 285 मामले सामने आए है. वहीं 2020 में एमपी में 9577, भोपाल में 470, इंदौर में 413, जबलपुर में 374 और ग्वालियर में 336 मामले सामने आये हैं.