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MP High Court: विकलांगता के कारण नहीं दिया MBBS कोर्स में दाखिला,हाई कोर्ट से मिली राहत - सेरेब्रल बीमारी से ग्रसित है छात्रा

जबलपुर हाई कोर्ट ने सेरेबल बीमारी से ग्रस्त (विकलांग) छात्रा को राहत देते हुए एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए कॉलेज में दाखिला देने का निर्देश दिया है. नागपुर एम्स ने उसे विकलांग बताकर एडमिशन देने से इनकार कर दिया था.

MP High Court
विकलांगता के कारण नहीं दिया MBBS कोर्स में दाखिला कोर्ट से मिली राहत
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Published : Jul 7, 2023, 12:15 PM IST

जबलपुर। विकलांगता के आधार पर एमबीबीएस कोर्स में दाखिले से वंचित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स दिल्ली में की गयी जांच में उसे मेडिकल पाठ्यक्रम के योग्य पाया गया है. युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए विकलांग छात्रा के अभ्यावेदन का निराकरण करने आदेश जारी किये हैं.

सेरेब्रल बीमारी से ग्रसित है छात्रा : भोपाल निवासी प्रषिता गुप्ता की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया कि वह एमबीबीएस में दाखिला लेने के लिए नीट 2022 की परीक्षा में शामिल हुई थी. नीट परीक्षा में उसकी 72वीं रैंक आई थी और वह एनटीएसई छात्रवृत्ति पाने की पात्रता रखती थी. सेरेब्रल बीमारी से ग्रसित होने के कारण नागपुर एम्स ने विकलांगता के कारण उसे मेडिकल शिक्षा के लिए अयोग्य करार दिया. जिसके कारण उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एम्स दिल्ली में पुनः जांच के आदेश जारी किये थे.

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मामले के निराकरण के आदेश : एम्स दिल्ली में कराये गये टेस्ट में उसे मेडिकल शिक्षा के लिए योग्य पाया गया है. मेडिकल जांच रिपोर्ट के आधार पर उसने दाखिले की लिये संबंधित अधिकारियों को ईमेल किया था. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण ये याचिका दायर की गयी है. हाईकोर्ट की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर छात्रा के अभ्यावेदन का निराकरण किया जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से मृदुल कुमार विश्वकर्मा ने पैरवी की.

जबलपुर। विकलांगता के आधार पर एमबीबीएस कोर्स में दाखिले से वंचित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स दिल्ली में की गयी जांच में उसे मेडिकल पाठ्यक्रम के योग्य पाया गया है. युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए विकलांग छात्रा के अभ्यावेदन का निराकरण करने आदेश जारी किये हैं.

सेरेब्रल बीमारी से ग्रसित है छात्रा : भोपाल निवासी प्रषिता गुप्ता की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया कि वह एमबीबीएस में दाखिला लेने के लिए नीट 2022 की परीक्षा में शामिल हुई थी. नीट परीक्षा में उसकी 72वीं रैंक आई थी और वह एनटीएसई छात्रवृत्ति पाने की पात्रता रखती थी. सेरेब्रल बीमारी से ग्रसित होने के कारण नागपुर एम्स ने विकलांगता के कारण उसे मेडिकल शिक्षा के लिए अयोग्य करार दिया. जिसके कारण उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एम्स दिल्ली में पुनः जांच के आदेश जारी किये थे.

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