जबलपुर। शहर में आज डिजास्टर मैनेजमेंट की बैठक हुई. बैठक में कांग्रेस विधायकों ने इस बात पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया कि अभी भी जबलपुर में निजी अस्पताल कोरोना वायरस के इलाज के नाम पर लूट मचाए हुए हैं और कोर्ट के आदेश के बाद भी कई निजी अस्पतालों ने अब तक अपनी ना तो रेट लिस्ट जाहिर की है और ना ही अपने रेट कम किए हैं.
जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष खुद कोरोना वायरस के जब शिकार हुए तो उन्हें भी 5 लाख रुपए करना पड़ा. इस बैठक में मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट, जबलपुर उत्तर मध्य विधायक विनय सक्सेना और जबलपुर बरगी के विधायक संजय यादव कांग्रेस की ओर से शामिल हुए थे. वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से सांसद राकेश सिंह और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई बैठक में थे. सांसद राकेश सिंह का कहना है कि उन्होंने सांसद निधि से जबलपुर के सरकारी अस्पतालों को डेढ़ करोड़ रुपए की लागत के 5000 रेनबेशिवर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए हैं, जो सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही दिए जाएंगे. इसके साथ ही निजी अस्पतालों के लिए भी इन इंजेक्शनों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जा रही है. वहीं यदि किसी निजी अस्पताल में नियम से ज्यादा बिल वसूला गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
प्रशासन का दावा है कि जबलपुर में कोरोना वायरस प्रभावित मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध हैं. हालांकि जबलपुर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और प्रशासन के दावे के परे लोग इस बात पर आपत्ति जता रहे हैं कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.