जबलपुर। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी में साइबर अटैक की वजह से लगातार सात दिनों से कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. पावर मैनेजमेंट कंपनी जुगाड़ के जरिए कुछ कंप्यूटर चालू करने में सफल रही है लेकिन अभी भी सरवर रिस्टोर नहीं हो पाया है. पावर मैनेजमेंट कंपनी की ओर से इस मामले में अब शिकायत स्टेट साइबर सेल को भेज दी गई है और स्टेट साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है. हैकर ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे की मांग की है साथ ही हैकर ने पुरानी फाइलें रिस्टोर करने पर डाटा बर्बाद कर देंने की धमकी दी है.
स्टेट साइबर सेल कर रही जांच: मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल के एसपी लोकेश सिन्हा का कहना है कि हैकर की ओर से कुछ मैसेज आए हैं जिसमें उसने इस बात की हिदायत दी है कि यदि पुरानी फाइलों को रिस्टोर किया तो पूरा सिस्टम बर्बाद हो जाएगा. स्टेट साइबर सेल ने इस मामले की बारीकी से जांच शुरू कर दी है. स्टेट साइबर सेल इसे हैकिंग मानते हुए जांच कर रहा है. इसमें उन एजेंसियों से भी संपर्क किया गया है जिनके पास मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी को साइबरसिक्योरिटी प्रदान की गई थी.
क्रिप्टो करेंसी के जरिए फिरौती की मांग: सूत्रों के अनुसार पावर मैनेजमेंट कंपनी के सिस्टम को हैक करने वाले हैकर ने पैसों की डिमांड भी की है. जिसे क्रिप्टो करेंसी के जरिए देने की बात कही जा रही है लेकिन इस मामले में मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी ही बिजली आपूर्ति से जुड़ी हुई पूरे मैनेजमेंट को क्रियान्वित करती है. कितनी बिजली किस रेट पर कहां से खरीदी जानी है और कहां इसकी सप्लाई होगी यह पूरा काम पावर मैनेजमेंट कंपनी के पास होता है. जो साइबर अटैक की वजह से प्रभावित हो गया है इसके साथ ही पावर मैनेजमेंट कंपनी के साइबर अटैक की वजह से अधिकारी कर्मचारियों की इस माह की वेतन व्यवस्था भी प्रभावित हो जाएगी.
साइबर अटैक का अलार्म: पावर मैनेजमेंट कंपनी पर साइबर अटैक को एक अलार्म की तरह देखना चाहिए क्योंकि डिजिटाइजेशन के इस युग में बिजली इंटरनेट सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा सेवाएं, न्यायिक सेवाएं, यहां तक की रक्षा सेवाएं भी इंटरनेट के जरिए ही चलाई जा रही हैं और इनकी सुरक्षा सामान्य सुरक्षा व्यवस्था जैसी नहीं होगी बल्कि इसके लिए साइबर सिक्योरिटी को और मजबूत करने की जरूरत है जो फिलहाल इन संस्थानों के पास नजर नहीं आ रही है. यदि यही हमला डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी पर हुआ होता तो अभी प्रदेश में हाहाकार मच जाता.