जबलपुर। दो दिन से आसमान में छाए बादलों के बीच गुरूवार सुबह जमकर बारिश हुई, साथ ही ओले भी गिरे. अचानक मौसम में आए बदलाव ने किसानों की कमर तोड़ दी हैं. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान खड़ी फसलों को हुआ है. शहर के अलावा पनागर, बरगी, कुंडम, शहपुरा, बरेला, पाटन, सिहोरा और मझौली क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ साथ गिरे ओलों से किसानों को खासा नुकसान हुआ है.
पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वो उनकी मदद कर उचित मुआवजे की व्यवस्था करें. सबसे ज्यादा गेहूं, मसूर और चना की फसल को नुकसान हुआ है. किसान रामसेवक और अशोक कुमार बताते है कि उन्होंने अपने खेतों में चना, गेहूं, मसूर की फसलों सहित सब्जियां लगाई थीं लेकिन आसमान से गिरी आफत की बूंदों से इन फसलों को भारी नुकसान का हुआ है.
महाराष्ट्र में बने कम दवाब का नतीजा है बारिश
दरअसल महाराष्ट्र में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ के असर से भी मौसम ने अचानक करवट बदली है. गुरुवार की सुबह से ही अचानक अंधेरा छाने लगा और तेज बारिश से ओले गिरने शुरू हो गए. पहले से ही कम फसल और फसल का सही दाम न मिलने की परेशानी झेल रहे किसान इस बेमौसम की बारिश को अपने ऊपर दोहरी मार मान रहे हैं.
खराब फसलों का होगा सर्वे
जबलपुर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में हुई बारिश से किसानों की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है. लिहाजा कलेक्टर ने तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि वो बारिश से हुई खराब फसलों का सर्वे कर रिपोर्ट सौंपे.