ETV Bharat / state

जबलपुर: कोविड केयर सेंटर की दूसरी मंजिल से कूदा कोरोना मरीज, इलाज के दौरान मौत

author img

By

Published : Oct 10, 2020, 5:49 AM IST

जबलपुर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बने कोविड केयर सेंटर में भर्ती एक मरीज ने बाथरूम की खिड़की से कूद गया. जिसके बाद उसे आईसीसीयू यूनिट में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया. लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई. वहीं परिजनों ने मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

Corona patient sprung from second floor in covid Care Center in jabalpur
कोविड केयर सेंटर की दूसरी मंजिल से कूदा कोरोना मरीज

जबलपुर। कोरोनो वायरस संकट से लोगों को निजात दिलाने के लिए सरकारें तमाम व्यवस्थाएं करने का दावा कर रही हैं. लेकिन सरकार के दावों के उलट अस्पतालों से हैरान करने वाले नजारे समाने आने लगे है. ताजा मामला नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बने कोविड केयर सेंटर का है, जहां आज सुबह कटनी जिले के कुंआ गांव में रहने वाले 46 साल के मरीज ने कोरोना संक्रमण से तंग आकर कोविड केयर सेंटर की दूसरी मंजिल के बाथरूम की खिड़की से कूद गया. जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

मरीज के बाथरूम की खिड़की से नीचे कूदते ही लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिससे देखते ही कोविड केयर सेंटर में हंगामे और अफरा तफरी का माहौल बन गया. वहीं दूसरे मंजिल से नीचे गिरने पर लगी चोट के बाद मरीज की हालत गंभीर हो गई. जिसके बाद आनन फानन में मरीज को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के आईसीसीयू यूनिट में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया. चिकित्सकों ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन आखिरकार उसने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों में इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना था कि इलाज़ ठीक से न होने के चलते वे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहते थे लेकिन उन्हें अस्पताल के कर्मचारियों ने अनुमति नही दी.

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

ये कोई पहला मामला नही है, जब किसी मरीज ने कूदकर जान देने की कोशिश की हो. इसके पहले भी 3 मरीज ऐसा कर चुके हैं, जिनमे 23 अगस्त और 28 अगस्त को दो मरीजों ने कूदने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों मरीजो को कर्मचारियों की सतर्कता के चलते कूदने के पहले पकड़ लिया गया था, जबकि सितम्बर माह में कूदे एक मरीज की मौत हो गई थी. कोविड केयर सेंटर से कूदकर जान देने वाली इस चौथी घटना ने मेडिकल कॉलेज की सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

इस घटना के बाद एक बार फिर मेडिकल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं कि जब इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी हैं, तब ऐसे में मेडिकल प्रशासन ने उससे सबक क्यों नही लिया. सिर्फ वार्ड की खिड़कियों पर जाली लगाकर खाना पूर्ति क्यों की? जबकि उसे बाथरूम की खिड़कियों और ओटीएस पर भी सुरक्षा के इंतजाम करने थे. बहरहाल मेडिकल अस्पताल प्रशासन अब कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजो को परिजनों और मनोचिकित्सक के सहारे समझाने की कोशिश में जुट गई है,ताकि मरीजों को जिंदगी की एहमियत समझाई जा सके.

जबलपुर। कोरोनो वायरस संकट से लोगों को निजात दिलाने के लिए सरकारें तमाम व्यवस्थाएं करने का दावा कर रही हैं. लेकिन सरकार के दावों के उलट अस्पतालों से हैरान करने वाले नजारे समाने आने लगे है. ताजा मामला नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बने कोविड केयर सेंटर का है, जहां आज सुबह कटनी जिले के कुंआ गांव में रहने वाले 46 साल के मरीज ने कोरोना संक्रमण से तंग आकर कोविड केयर सेंटर की दूसरी मंजिल के बाथरूम की खिड़की से कूद गया. जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

मरीज के बाथरूम की खिड़की से नीचे कूदते ही लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिससे देखते ही कोविड केयर सेंटर में हंगामे और अफरा तफरी का माहौल बन गया. वहीं दूसरे मंजिल से नीचे गिरने पर लगी चोट के बाद मरीज की हालत गंभीर हो गई. जिसके बाद आनन फानन में मरीज को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के आईसीसीयू यूनिट में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया. चिकित्सकों ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन आखिरकार उसने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों में इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना था कि इलाज़ ठीक से न होने के चलते वे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहते थे लेकिन उन्हें अस्पताल के कर्मचारियों ने अनुमति नही दी.

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

ये कोई पहला मामला नही है, जब किसी मरीज ने कूदकर जान देने की कोशिश की हो. इसके पहले भी 3 मरीज ऐसा कर चुके हैं, जिनमे 23 अगस्त और 28 अगस्त को दो मरीजों ने कूदने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों मरीजो को कर्मचारियों की सतर्कता के चलते कूदने के पहले पकड़ लिया गया था, जबकि सितम्बर माह में कूदे एक मरीज की मौत हो गई थी. कोविड केयर सेंटर से कूदकर जान देने वाली इस चौथी घटना ने मेडिकल कॉलेज की सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

इस घटना के बाद एक बार फिर मेडिकल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं कि जब इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी हैं, तब ऐसे में मेडिकल प्रशासन ने उससे सबक क्यों नही लिया. सिर्फ वार्ड की खिड़कियों पर जाली लगाकर खाना पूर्ति क्यों की? जबकि उसे बाथरूम की खिड़कियों और ओटीएस पर भी सुरक्षा के इंतजाम करने थे. बहरहाल मेडिकल अस्पताल प्रशासन अब कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजो को परिजनों और मनोचिकित्सक के सहारे समझाने की कोशिश में जुट गई है,ताकि मरीजों को जिंदगी की एहमियत समझाई जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.