जबलपुर । कोरोना की जकड़ में आने वाले बच्चों के शरीर में बन रही एंटीबॉडी उनके अंगों के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है. ये खुलासा हुआ है मेडिकल कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर श्वेता पाठक और उनकी टीम के शोध से. मेडिकल कॉलेज में भर्ती 40 बच्चों में किए गए शोध से पता चला है, कि 11 बच्चे MISC से पीड़ित हैं. शोध में ये भी सामने आया, कि कोरोनावायरस संक्रमण बच्चों के अन्य अंगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है
कोरोना एंटीबॉडी बच्चों के लिए खतरनाक!
कोरोना की जकड़ में आने वाले बच्चों के शरीर में बढ़ रही एंटीबॉडी उनके शरीर के अंगों को नुकसान भी पहुंचा सकती है. जांच और उपचार में अगर देरी होती है तो फिर ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. एक नई रिसर्च में ये बात सामने आई है. ये शोध किया है नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ श्वेता पाठक और उनकी टीम ने. मेडिकल कॉलेज में 2020 अप्रैल से दिसंबर के बीच 46 कोरोना संक्रमित बच्चों पर ये शोध किया गया . शोध में 11 बच्चे मल्टीसिस्टम इनफॉर्मेटरी सिंड्रोम(MISC)से पीड़ित मिले हैं
रिसर्च में ये भी सामने आया है कि जिन बच्चों में एंटीबॉडी डवलप हो रही है. उनके शरीर के कई अंगों पर बुरा असर पड़ रहा है. दिमागी बुखार, कावासाकी बुखार और लकवा जैसे लक्षण इन बच्चों में मिले हैं.असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ श्वेता पाठक की मानें तो गर्भ में पल रहे बच्चों को भी एंटीबॉडी से खतरा हो सकता है.