जबलपुर। अगर कोई लापता हो जाता है तो उसकी जानकारी के लिए लोग पुलिस के पास पहुंचते हैं. लेकिन अगर पुलिस ही लापता शख्स की जानकारी देने के एवज में पैसा मांगने लगे तो इससे समझा जा सकता है प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना लाजमी है.कुछ ऐसा ही मामला जबलपुर के जवाहर नगर इलाके से सामने आया है.जहां एक पुलिस वाले ने गुमशुदगी का पता बताने के एवज में 50 हजार रुपए की मांग की.
जबलपुर में अधारताल के जवाहर नगर इलाके में रहने वाले आदित्य यादव 30 नवंबर को घर से निकला था. लेकिन इसके बाद वह वापस लौटकर नहीं आया. आदित्य सेकंड ईयर का छात्र है. आदित्य के वापस ना लौटने पर परेशान परिजनों ने अधारताल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके साथ ही परिजनों ने व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल किए. जिससे आदित्य का पता चल सके.
युवक का पता बताने के लिए आरक्षक ने मांगे 50 हजार रुपए
इसी बीच आदित्य के परिवार के पास उमरिया जिले से आदित्य का पता बताने वाले शख्स का फोन आया. फोन करने वाला शख्स ने खुद को पुलिस आरक्षक मुकेश चौधरी बताया. मुकेश चौधरी ने कहा कि अगर परिवार वाले 50 हजार रुपए नगद देंगे तभी वह वह आदित्य की जानकारी देगा.
परिजनों ने अधारताल थाने में दी सूचना
वहीं परेशान परिजनों ने इस बात की जानकारी अधारताल थाने में दी. पुलिस ने जब मोबाइल नंबर की जांच की तो पता चला कि वह उमरिया का कोई आरक्षक है. जानकारी के मुताबिक मुकेश उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत घर में ड्यूटी पर था, फिलहाल जबलपुर पुलिस ने उसे रिमांड पर ले लिया है और पूछताछ की.
शराब के नशे में लगाया फोन
जानकारी के मुताबिक मुकेश ने यह बयान दिया है कि उसके पास आदित्य की कोई सूचना नहीं है, दरअसल उसे जो तनख्वाह मिली थी. वह उससे बर्बाद हो गई. इसी दौरान उसने व्हाट्सएप पर एक मैसेज देखा, जिसमें आदित्य यादव के गुमशुदगी की खबर थी. जिसको लेकर मुकेश ने फोन लगाकर यहां से पैसा कमाने की तरकीब सोची थी.
आदित्य अभी भी लापता है
आदित्य की खोजबीन करने वाले पुलिस अधिकारी का कहना है कि रेलवे से कुछ वीडियो फुटेज मिले हैं. जिसमें आदित्य दिल्ली की ओर जाने वाली रेलगाड़ी में बैठता हुआ देखा गया है. इसलिए आदित्य की खोज उसी तरह की जा रही है. इसके साथ ही पुलिस वाले ने फोन पर जो जानकारियां दी है, उनको भी जांचा जा रहा है.