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Eye Flu Cases Increased In Jabalpur: जबलपुर में 'लाल आंख' से मचा कोहराम, अस्पतालों में पहुंच रहे सैंकड़ों मरीज - mp hindi news

Conjunctivitis Cases Rise in Jabalpur: जबलपुर में भी आई फ्लू कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग का दावा कि बड़े छात्रावासों में पहले से ही आई फ्लू को लेकर जागरूकता फैलाई गई और दवाइयां भेज दी गई हैं. जबलपुर के सिविल सर्जन का कहना है कि कोरोना वायरस की तरह आई फ्लू की गाइडलाइन का भी पालन करें.

Eye Flu Cases Increased In Jabalpur
जबलपुर में फैल रहा आई फ्लू
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Published : Jul 28, 2023, 6:49 AM IST

Updated : Jul 28, 2023, 7:12 AM IST

डॉक्टरों ने दी गाइडलाइन का पालन करने की सलाह

जबलपुर। शहर में आंखों की बीमारी कंजंक्टिवाइटिस बड़े पैमाने पर फैली हुई है. सामान्य तौर पर आंखों के डॉक्टरों के दवा खानों में मरीजों की इतनी संख्या नहीं होती थी, जितनी इन दिनों देखने को मिल रही है. आई फ्लू बड़े पैमाने पर फैल रहा है. जबलपुर जिला चिकित्सालय में भी हाई वार्ड में मरीजों की संख्या 5 गुना तक पहुंच गई है. यही हाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल का भी है. कई निजी अस्पतालों में तो काम करने वाला स्टाफ तक आई फ्लू की चपेट में आ गया है.

खुद को आइसोलेट कर लें संक्रमित मरीज: डॉक्टरों का कहना है कि ''आई फ्लू की वजह से मरीज को 5 दिन तक परेशान रहना पड़ता है, लेकिन मरीजों को यह सलाह है कि घर पर ही इसका इलाज न करें बल्कि जिला चिकित्सालय में या मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए संपर्क कर सकते हैं.'' डॉक्टरों की सलाह है कि ''यदि किसी को कंजंक्टिवाइटिस की शिकायत होती है तो उसे कुछ दिनों तक खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए. जिस तरीके से कोरोना वायरस की गाइडलाइन का पालन किया गया इसी तरीके से लोगों को आई फ्लू की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए. अपने सामान का इस्तेमाल निजी रखना चाहिए. खुद के इस्तेमाल किए हुए सामान को यदि दूसरों से रोक लिया गया तो बीमारी को भी रोका जा सकता है.''

सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम: जबलपुर सरकारी अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि ''लोगों को डरने की जरूरत नहीं है और सरकारी अस्पताल में इलाज का पर्याप्त इंतजाम है. संक्रामक बीमारियों की दवाएं भी बड़े पैमाने पर अस्पताल में हैं. इसलिए लोग सरकारी अस्पतालों में आकर भी इलाज करवा सकते हैं.'' वही स्वास्थ्य विभाग ने छात्रावासों में पहले ही दवाइयां भेज दी हैं. खासतौर पर एकलव्य और नरसिंह के छात्रावासों में दवाइयां भेज दी गई हैं. यदि किसी को कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू हो रहा है तो उसे इन दवाओं के इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.

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सबसे ज्यादा बच्चे आई फ्लू का शिकार: सामान्य तौर पर बरसात में संक्रामक बीमारियां फैलती हैं. लंबे समय बाद कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू ने लोगों को शिकार बनाया है. डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरल और बैक्टीरियल दोनों किस्म का इंफेक्शन है. इसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. इस बीमारी से सबसे ज्यादा परेशान स्कूल जाने वाले बच्चे हैं. क्योंकि यहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन स्कूलों की छुट्टी नहीं करवा रहा है.

डॉक्टरों ने दी गाइडलाइन का पालन करने की सलाह

जबलपुर। शहर में आंखों की बीमारी कंजंक्टिवाइटिस बड़े पैमाने पर फैली हुई है. सामान्य तौर पर आंखों के डॉक्टरों के दवा खानों में मरीजों की इतनी संख्या नहीं होती थी, जितनी इन दिनों देखने को मिल रही है. आई फ्लू बड़े पैमाने पर फैल रहा है. जबलपुर जिला चिकित्सालय में भी हाई वार्ड में मरीजों की संख्या 5 गुना तक पहुंच गई है. यही हाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल का भी है. कई निजी अस्पतालों में तो काम करने वाला स्टाफ तक आई फ्लू की चपेट में आ गया है.

खुद को आइसोलेट कर लें संक्रमित मरीज: डॉक्टरों का कहना है कि ''आई फ्लू की वजह से मरीज को 5 दिन तक परेशान रहना पड़ता है, लेकिन मरीजों को यह सलाह है कि घर पर ही इसका इलाज न करें बल्कि जिला चिकित्सालय में या मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए संपर्क कर सकते हैं.'' डॉक्टरों की सलाह है कि ''यदि किसी को कंजंक्टिवाइटिस की शिकायत होती है तो उसे कुछ दिनों तक खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए. जिस तरीके से कोरोना वायरस की गाइडलाइन का पालन किया गया इसी तरीके से लोगों को आई फ्लू की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए. अपने सामान का इस्तेमाल निजी रखना चाहिए. खुद के इस्तेमाल किए हुए सामान को यदि दूसरों से रोक लिया गया तो बीमारी को भी रोका जा सकता है.''

सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम: जबलपुर सरकारी अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि ''लोगों को डरने की जरूरत नहीं है और सरकारी अस्पताल में इलाज का पर्याप्त इंतजाम है. संक्रामक बीमारियों की दवाएं भी बड़े पैमाने पर अस्पताल में हैं. इसलिए लोग सरकारी अस्पतालों में आकर भी इलाज करवा सकते हैं.'' वही स्वास्थ्य विभाग ने छात्रावासों में पहले ही दवाइयां भेज दी हैं. खासतौर पर एकलव्य और नरसिंह के छात्रावासों में दवाइयां भेज दी गई हैं. यदि किसी को कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू हो रहा है तो उसे इन दवाओं के इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.

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सबसे ज्यादा बच्चे आई फ्लू का शिकार: सामान्य तौर पर बरसात में संक्रामक बीमारियां फैलती हैं. लंबे समय बाद कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू ने लोगों को शिकार बनाया है. डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरल और बैक्टीरियल दोनों किस्म का इंफेक्शन है. इसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. इस बीमारी से सबसे ज्यादा परेशान स्कूल जाने वाले बच्चे हैं. क्योंकि यहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन स्कूलों की छुट्टी नहीं करवा रहा है.

Last Updated : Jul 28, 2023, 7:12 AM IST
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