जबलपुर। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जबलपुर में भी स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए कई सार्वजनिक शौचालय और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया है, लेकिन मौजूदा वक्त में इन शौचालयों की हालत बद से बदतर हो गई है. हालांकि निगम अधिकारियों का दावा है कि, स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
शहर में बने 100 सामुदायिक शौचालय
नगर निगम ने करीब 81 सार्वजनिक शौचालय और 100 सामुदायिक शौचालय बनवाए हैं, जिनमें सार्वजनिक शौचालय को नगर निगम ने ठेके में दिया है, जबकि सामुदायिक शौचालय की देखरेख उपयोग करने वालों को ही करनी पड़ती है. ऐसे में जाहिर तौर पर ठेके पर चलाए जा रहे सार्वजनिक शौचालय की हालत तो ठीक है, लेकिन यहां पर उपयोग करने वालों को ही सफाई का जिम्मा दिया हुआ है, वहां की हालत बेहद खराब है. चारों तरफ लगे गंदगी के अंबार से कोई शौचालय का इस्तेमाल करना नहीं चाहता हैं.
इतने दायरे में हो सार्वजनिक शौचालय
सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक शहर में हर एक किलोमीटर में सार्वजनिक शौचालय होने चाहिए, लेकिन जब इसकी हकीकत जांची गई, तो पाया गया कि, गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है. यहां तक की, पांच किलोमीटर के रास्ते में एक- दो सार्वजनिक शौचालय देखे गए, जिसके चलते इस मार्ग से निकलने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
शहर की जनसंख्या के अनुपात से नहीं हैं शौचालय
शहर की जनसंख्या करीब 20 लाख है और इस 20 लाख की आबादी में महज 81 सार्वजनिक शौचालय और 100 सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं. लिहाजा जनसंख्या के अनुपात से ये शौचालय कम हैं. इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि, अभी आने वाले समय में और सार्वजनिक शौचालय बनवाए जाने हैं, इसके निर्देश अभी शासन की ओर से नहीं मिले हैं. हाल- फिलहाल में अभी इस तरह की कोई प्लानिंग नहीं है.
थर्ड जेंडर के लिए सर्वजनिक शौचालय में व्यवस्था
हाल ही में सरकार की नई गाइडलाइन जारी हुई है, जिसमें अब पब्लिक टॉयलेट में थर्ड जेंडर के लिए भी व्यवस्था करने में नगर निगम जुटा हुआ है.