जबलपुर। कोरोना की तीसरी लहर (corona third wave in jabalpur) को देखते हुए राज्य सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट के ड्राई रन (dry run of jabalpur oxygen plant) के निर्देश दिए थे, जिसमें पाया गया कि जिला अस्पताल और रेलवे का ऑक्सीजन प्लांट तो ठीक है, पर सिहोरा स्वास्थ्य केंद्र में बना ऑक्सीजन प्लांट सही ढंग से काम नहीं कर रहा है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया. लिहाजा, खबर का असर हुआ. आखिरकार ऑक्सीजन प्लांट में आई कम्प्रेशर और एयर ड्राइर (compressor or air dryer issue in oxygen plant) की खराबी को दूर कर लिया गया है. प्लांट को चार दिन तक 24 घंटे चालू रखा जा रहा है. ऑक्सीजन प्लांट को देखने के लिए जल्द ही भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी आने वाली है.
ड्राई रन के दौरान आई थी ऑक्सीजन प्लांट में खराबी
सिविल हॉस्पिटल सिहोरा के ऑक्सीजन प्लांट के कंप्रेशर और ड्राइर में ड्राई रन के दौरान खराबी का पता चला था. करीब सवा करोड़ की लागत से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन प्लांट बनाया गया था. प्लांट में आई खराबी को लेकर ईटीवी भारत ने प्रकाशित किया था. इसके बाद इंजीनियर टीम ने प्लांट के कंप्रेशर और ड्राइर को सुधार (compressor and air dryer of oxygen plant got repaired) दिया है. अभी प्लांट की ऑक्सीजन में 98% तक शुद्धता आ गई है.
24 घंटे प्लांट चलाकर नापी जा रही है शुद्धता
सीहोरा स्वास्थ्य केंद्र में लगे ऑक्सीजन प्लांट को ठीक करने के बाद चार दिन तक 24 घंटे प्लांट चलाकर रखा गया. इस दौरान हर दो घंटे में ऑक्सीजन के प्योरिटी लेवल दर्ज (oxygen purity level jabalpur) किया गया. 6 दिसंबर तक रोज सुबह 8:00 बजे और रात 8:00 बजे ऑक्सीजन की शुद्धता की जांच कर जानकारी भेजने के निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्लांट के कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग के अमले को दिए हैं.
सवा करोड़ की लागत से तैयार हुआ था प्लांट
ऑक्सीजन प्लांट 1 करोड़ 32 लाख रुपये की लागत से अक्टूबर 2021 में तैयार हुआ था. प्लांट को एनएचएआई, डीआरडीओ और विद्युत विभाग और गैरीजॉन मेडिकल गेस्ट ऑक्सीजन पीएसए कंपनी ने लगाया था. ऑक्सीजन प्लांट लगने के बाद से ही कम्प्रेशर और एयर ड्राइर में गड़बड़ी सामने आयी थी. इसकी जानकारी हॉस्पिटल के अमले ने संबंधित विभाग को देकर प्लांट को सुधरवाया है.
सिहोरा अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में कुछ तकनीकी खराबी आई थी. जबलपुर और भोपाल से आई टेक्निकल टीम ने ठीक कर लिया है. ऑक्सीजन की शुद्धता 97 प्रतिशत तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर लगातार चार दिनों तक प्लांट में ऑक्सीजन की टेस्टिंग का काम चलता रहेगा.
डॉ. रत्नेश कुरारिया, सीएमएचओ