जबलपुर। आपने अक्सर सुना होगा की जेल के भीतर बैठे-बैठे गैंगस्टर ने किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया. खासतौर पर लॉरेंस बिश्नोई के मामले में ऐसी कहानी अक्सर सुनने को मिलती है. आखिर जेल के भीतर बैठे लोगों को पैसे मोबाइल और नशे के सामान कैसे मिलते हैं. जबलपुर जेल में भी यह खेल चलता है और जेल में पैसा पहुंचाने का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें एक कैदी ₹5000 जेल के भीतर पहुंचा रहा है और इस पूरे घटनाक्रम में 10% जेल के कर्मचारी भी ले रहे थे. फिलहाल जेलर ने इस अपराध में लगे हुए दो कैदियों को सजा भी दी है.
जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय कारागार का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक कैदी एक दूसरे शख्स से ₹5000 ले रहा है. इस 5000 में ₹500 कम होते हैं, तो वह ₹500 और लेता है. इसके अंदर एक पर्ची भी है, जो शख्स पैसा दे रहा है वह एक नाम बता रहा है की जेल में बंद किसी कैदी के पास यह पैसे पहुंचाये जाने हैं.
जेल में पैसों का लेन देन: वीडियो में जो कैदी पैसे ले रहा है. उसका नाम नागेंद्र सिंह है और जिसके पास पैसे पहुंचाए जाने हैं, उसका नाम स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, लेकिन इसी कारनामे में शामिल दूसरे कैदी का नाम उजियार बताया जा रहा है. इस मामले में जब जबलपुर सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल के जिला से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने बताया कि इन दोनों कैदियों का व्यवहार अच्छा था, इसलिए इनकी ड्यूटी कैदियों तक कपड़े पहुंचने के लिए लगाई गई थी. जो कपड़े कैदियों से मुलाकात करने वाले लोग लेकर आते थे, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था की कपड़ों की ड्यूटी पर लगे कैदी अंदर जेल में पैसे भी पहुंचा रहे हैं.
जेलर मदन कमलेश ने बताया कि 'इन दोनों ही कैदियों को जेल अपराध के तहत सजा दी गई है और इन्हें जेल में डाल दिया गया है. इन दोनों ही कैदियों की सजा में माफी रद्द कर दी गई है.
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जेल में हो रहा अफराध: जहां से यह पैसा जा रहा है. यहां से अक्सर जेल के भीतर पैसे के साथ मोबाइल और नशे के सामान भी भेजे जाते हैं, हालांकि इस मामले में जेलर का दावा है कि कोई मोबाइल जब्त नहीं हुआ है और गंभीर बात यह है कि इस पूरे अपराध में कहीं ना कहीं जेल की ड्यूटी कर रहे अधिकारी कर्मचारी भी शामिल होते हैं.' आपने अक्सर किस्से सुने होंगे जिसमें यह कहा जाता है कि जेल के भीतर बैठे-बैठे गैंगस्टर बड़े अपराधों को अंजाम देते हैं और गैंगस्टर के पास मोबाइल और पैसा होता है. जेल में इनका अच्छा रुतबा होता है. जबलपुर सेंट्रल जेल का यह वीडियो इस बात का सबूत है की जेल के भीतर भी एक अलग किस्म का अपराध पनपता है.