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आदिवासियों की जमीन का 10 साल का रिकॉर्ड तलब, बीजेपी राज में सैड़कों एकड़ हड़पी गई जमीन - आदिवासियों की जमीनों के बंदरबांट

कई सालों से आदिवासियों की जमीनों के बंदरबांट की शिकायतों पर कलेक्टर भरत यादव ने रिकॉर्ड तलब किया है. सभी एसडीएम से आदिवासियों की जमीनों की खरीद-बिक्री का पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड मांगा है.

जबलपुर कलेक्टर ने आदिवासियों की जमीन का मांगा रिकॉर्ड
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Published : Sep 13, 2019, 11:58 PM IST

जबलपुर। पिछली सरकार में आदिवासी जमीनों की खरीद-बिक्री में घोटाले की शिकायतों को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. कलेक्टर भरत यादव ने अफसरों से जिले की आदिवासी जमीनों का पिछले 10 सालों का लेखा जोखा मांगा है. सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि आदिवासियों की जमीनों की बिक्री के साथ उनके द्वारा खरीदी गई जमीनों की भी पूरी जानकारी एकत्रित की जाए.

जबलपुर कलेक्टर ने आदिवासियों की जमीन का मांगा रिकॉर्ड

जानकारी के मुताबिक, कुछ भूमाफियाओं ने जहां आदिवासियों की जमीनों को खरीदकर उनका स्थानांतरण करा लिया है, जबकि कुछ ने कुचक्र रचकर आदिवासी नौकरों के नाम पर किसी आदिवासी से जमीन खरीदवा ली और आज कब्जा जमाए बैठे हैं. पूरे मामले को लेकर पूर्व की भाजपा सरकार को भी निशाना बनाया जा रहा है.

कांग्रेस विधायक संजय यादव का आरोप है कि बीजेपी सरकार के पिछले 15 सालों के शासन में अलग-अलग तरीकों से न केवल आदिवासियों की जमीनें हथियाई गई हैं, बल्कि नियम विरूद्ध उनका नामांतरण भी किया गया है. बीजेपी इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता रही है.

बरगी विधायक संजय यादव की मानें तो आदिवासियों की जमीनों को अलग-अलग तरीकों से कब्जा किया गया है. कुछ ग्रामीण भी इस गिरोह में सक्रिय हैं, जो आदिवासियों को निशाना बनाकर उनके बही खाते पर लोन ले रखे हैं.

जबलपुर। पिछली सरकार में आदिवासी जमीनों की खरीद-बिक्री में घोटाले की शिकायतों को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. कलेक्टर भरत यादव ने अफसरों से जिले की आदिवासी जमीनों का पिछले 10 सालों का लेखा जोखा मांगा है. सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि आदिवासियों की जमीनों की बिक्री के साथ उनके द्वारा खरीदी गई जमीनों की भी पूरी जानकारी एकत्रित की जाए.

जबलपुर कलेक्टर ने आदिवासियों की जमीन का मांगा रिकॉर्ड

जानकारी के मुताबिक, कुछ भूमाफियाओं ने जहां आदिवासियों की जमीनों को खरीदकर उनका स्थानांतरण करा लिया है, जबकि कुछ ने कुचक्र रचकर आदिवासी नौकरों के नाम पर किसी आदिवासी से जमीन खरीदवा ली और आज कब्जा जमाए बैठे हैं. पूरे मामले को लेकर पूर्व की भाजपा सरकार को भी निशाना बनाया जा रहा है.

कांग्रेस विधायक संजय यादव का आरोप है कि बीजेपी सरकार के पिछले 15 सालों के शासन में अलग-अलग तरीकों से न केवल आदिवासियों की जमीनें हथियाई गई हैं, बल्कि नियम विरूद्ध उनका नामांतरण भी किया गया है. बीजेपी इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता रही है.

बरगी विधायक संजय यादव की मानें तो आदिवासियों की जमीनों को अलग-अलग तरीकों से कब्जा किया गया है. कुछ ग्रामीण भी इस गिरोह में सक्रिय हैं, जो आदिवासियों को निशाना बनाकर उनके बही खाते पर लोन ले रखे हैं.

Intro:जबलपुर
जिले के आदिवासियों को दी गई जमीन खुर्द बुर्द करने के मामले में जिला प्रशासन अब जाग गया है।मामले में कलेक्टर ने बीते 10 साल में आदिवासी जमीन की खरीदी-बिक्री का पूरा रिकॉर्ड तलब किया है।जिले के कलेक्टर ने दिए निर्देश दिए है कि आदिवासियों की जमीन की बिक्री के साथ उनके द्वारा खरीदी गई जमीनों की भी पूरी जानकारी निकाले।


Body:जानकारी के मुताबिक हाल ही में यह बातें सामने आई है कि कुछ भूमाफियाओं ने आदिवासियों की जमीन पर अपने नाम से नामांतरण करवा लिया है जबकि कुछ कूटरचित रचना रचकर आदिवासि नोकरो के नाम पर आदिवासियों की ही जमीन पर अपना कब्जा जमाए बैठे हुए है। पूरे मामले में पूर्व भाजपा सरकार को भी निशाना बनाया जा रहा है।एक और जहा सरकार आदिवासियों के अधिकारों को संरक्षित करने योजना बना रही है। वहीं भाजपा शासन में आदिवासियों की जमीनों को लेकर प्रशासनिक कड़ाई भी बरती जा रही है।बरगी विधायक संजय यादव की माने तो आदिवासियों की जमीनों में अलग-अलग तरीकों से कब्जा किया गया है। कुछ ग्रामीण भी इस गिरोह में सक्रिय है जो आदिवासियों को निशाना बनाकर उनकी बहीखाते पर लोन ले रखा है।


Conclusion:इधर विधायक संजय यादव की शिकायत के बाद जिला प्रशासन के होश उड़ गए। जबलपुर कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश देते हुए आदिवासियों की जमीन से संबंधित सभी रिकार्ड तलब किए है। साथ ही यह भी आदेश दिए है कब कब आदिवासियों की जमीन नामांतरण की गई है।
बाईट.1-संजय यादव....विधायक,कांग्रेस
बाईट.2-भरत यादव.....कलेक्टर,जबलपुर
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