जबलपुर। पिछली सरकार में आदिवासी जमीनों की खरीद-बिक्री में घोटाले की शिकायतों को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. कलेक्टर भरत यादव ने अफसरों से जिले की आदिवासी जमीनों का पिछले 10 सालों का लेखा जोखा मांगा है. सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि आदिवासियों की जमीनों की बिक्री के साथ उनके द्वारा खरीदी गई जमीनों की भी पूरी जानकारी एकत्रित की जाए.
जानकारी के मुताबिक, कुछ भूमाफियाओं ने जहां आदिवासियों की जमीनों को खरीदकर उनका स्थानांतरण करा लिया है, जबकि कुछ ने कुचक्र रचकर आदिवासी नौकरों के नाम पर किसी आदिवासी से जमीन खरीदवा ली और आज कब्जा जमाए बैठे हैं. पूरे मामले को लेकर पूर्व की भाजपा सरकार को भी निशाना बनाया जा रहा है.
कांग्रेस विधायक संजय यादव का आरोप है कि बीजेपी सरकार के पिछले 15 सालों के शासन में अलग-अलग तरीकों से न केवल आदिवासियों की जमीनें हथियाई गई हैं, बल्कि नियम विरूद्ध उनका नामांतरण भी किया गया है. बीजेपी इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता रही है.
बरगी विधायक संजय यादव की मानें तो आदिवासियों की जमीनों को अलग-अलग तरीकों से कब्जा किया गया है. कुछ ग्रामीण भी इस गिरोह में सक्रिय हैं, जो आदिवासियों को निशाना बनाकर उनके बही खाते पर लोन ले रखे हैं.