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सर्दी के सितम से जमने लगी किसानों की उम्मीदें, बर्बाद हो रही फसलें

जबलपुर सहित प्रदेश के कई हिस्सों में ठंड के कहर से किसानों एक बार फिर बर्बाद होने की कगार पर हैं.

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ठंड ने बरपाया कहर
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Published : Dec 31, 2019, 12:26 PM IST

जबलपुर। इन दिनों जबलपुर सहित आसपास के इलाके में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जबलपुर का न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री पहुंच गया है. वहीं ग्रामीण इलाकों में तापमान शून्य डिग्री के आसपास पहुंच गया है. जिसके चलते फसलों को भी काफी नुकसान हो रहा है.

ठंड ने बरपाया कहर

ठंड के कहर से जहां एक ओर जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. किसानों की फसल ठंड से खराब होने की कगार पर है. अरहर, मटर सहित हरी सब्जियां मौसम की मार से नष्ट हो गई हैं. इस साल अतिवृष्टि के चलते किसानों की सारी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और अब ठंड का कहर मुसीबत बन गया है.

जबलपुर। इन दिनों जबलपुर सहित आसपास के इलाके में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जबलपुर का न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री पहुंच गया है. वहीं ग्रामीण इलाकों में तापमान शून्य डिग्री के आसपास पहुंच गया है. जिसके चलते फसलों को भी काफी नुकसान हो रहा है.

ठंड ने बरपाया कहर

ठंड के कहर से जहां एक ओर जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. किसानों की फसल ठंड से खराब होने की कगार पर है. अरहर, मटर सहित हरी सब्जियां मौसम की मार से नष्ट हो गई हैं. इस साल अतिवृष्टि के चलते किसानों की सारी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और अब ठंड का कहर मुसीबत बन गया है.

Intro:जबलपुर के आसपास पाले की वजह से बर्बाद हुई फसलें सबसे ज्यादा नुकसान सब्जी और दलहनी फसलों पर


Body:जबलपुर शीतलहर की वजह से जबलपुर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है मौसम विभाग का कहना है कि जबलपुर का न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री पर पहुंचा है लेकिन मौसम विभाग की ऑब्जर्वेटरी शहर के भीतर है और यहां तापमान इससे ज्यादा नीचे नहीं गया लेकिन शहर के आसपास ग्रामीण इलाकों में तापमान शून्य डिग्री के आसपास पहुंच गया इसकी वजह से पेड़ पौधों पर जमी ओस जम गई ओस के जमने से पेड़ पौधों की अंदर पानी भी जम जाता है और यदि एक बार पानी जम गया तो पेड़ पौधे मर जाते हैं इस मौसम में दलहन की फसलें खेतों में लगभग तैयार खड़ी थी अरहर अगले महीने तक कट जाती लेकिन पाला पड़ने की वजह से अरहर के पेड़ मर गए हैं और यह फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है कुछ ऐसा ही हाल मटर की फसल का भी है जबलपुर के आसपास सब्जी वाला मटर बड़े पैमाने पर उगाया जाता है लेकिन इसमें भी पाला पड़ने से सब्जी का मटर भी खराब हो गया है दूसरी सब्जियां जिनमें लौकी गिलकी और टमाटर के पेड़ पौधे पाले की वजह से नष्ट हो गए हैं किसान पहले ही तेज बारिश की वजह से बरसात की फसलों का नुकसान उठा कर बैठा है अब उस पर पाले की मार पड़ गई है ऐसी स्थिति में किसानों का नुकसान दोगुना हो गया है अब तक किसानों को अतिवृष्टि का मुआवजा नहीं मिला है अब ना जाने पाले पर सरकार उनको कब राहत देगी




Conclusion:शहर में सब्जियों के नाम महंगे हो जाते हैं तो सरकारें सक्रिय हो जाती हैं कि किसी भी तरीके से दाम कम किए जाएं लेकिन जब किसान की फसल बर्बाद होती है तब कोई आगे नहीं आता इसलिए देश में किसानों की हालत खराब है यदि लोग महंगी सब्जियां खरीदते रहे तो किसान जिंदा बना रहेगा लेकिन यह बात आम जनता की समझ में नहीं आती
byte मुन्ना लाल पटेल
byte कमलेश
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