जबलपुर। कोरोना की संभावित तीसरी लहर बच्चों के प्रभावित कर सकती है. तीसरी लहर तो लेकर डॉक्टरों का दावा है कि 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की वजह से कोई खतरा नहीं है, जबकि इससे कम उम्र के बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है.
जानें कौन हैं सुरक्षित
दरअसल, बच्चों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर का दावा है कि, लोगों का डर किसी हद तक सच भी है, क्योंकि जिस तरीके से वैक्सीनेशन हो रहा है उसमें पहले दौर में वैक्सीनेशन 45 साल से ज्यादा लोगों के लिए किया गया है. इसलिए उन्हें अब सुरक्षित माना जा रहा है. वहीं, इसके बाद दूसरे दौर के वैक्सीनेशन में 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन लगाई गई, तो समाज में ऐसी सोच निर्मित हुई है कि 18 साल से ऊपर के लोग जिन्हें वैक्सीन लग गई है वे सुरक्षित हैं.
वैक्सीनेशन से बच्चे रहे दूर
ऐसे हालात में अब पूरी चिंता बच्चों की है और वैक्सीनेशन कार्यक्रम से केवल बच्चे ही दूर रहे हैं. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि तीसरे दौर की लहर बच्चों को बीमार कर दे. डॉक्टरों का कहना है कि इसके अलावा कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, जिसमें यह कहा जा सके कि बच्चों को तीसरे लगर में कोरोना वायरस प्रभावित करेगा.
डेल्टा वेरिएंट के बदलते म्यूटेशन से बढ़ा तीसरी लहर का खतरा, वेरिएंट ऑफ कंसर्न के 565 मामले मिले
बच्चों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाया कोरोना
हालांकि, डॉक्टरों का तर्क है कि लोगों को ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए, क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बाकी लोगों से ज्यादा होती है. डॉक्टर ने कहा कि, बच्चों को बीमारियां कम ही प्रभावित कर सकती हैं. कोरोना वायरस की इसके पहले की दोनों लहरों में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना बच्चों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाया है. यदि तीसरी लहर में वह प्रभावित करता भी है, तो बच्चे सामान्य इलाज से घरों में ही ठीक हो जाएंगे.