जबलपुर। क्या आपने कभी 400 रुपये किलो का टमाटर खाया है ? ऐसे टमाटर (tomato farming in jabalpur) का स्वाद आपने चखा है, जो चैरी या अंगूर के जैसा दिखता हो. जैविक खेती के द्वारा पैदा किए जा रहे एक ऐसे ही खास किस्म का टमाटर इन दिनों खासा लोकप्रिय हो रहा है. जिले के एक पॉलीहाउस में बारह महीने 400 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर पैदा किया जाता है. इस टमाटर की विदेशों में भी भारी डिमांड है. आखिर क्या खास है इस टमाटर में, देखिए इस रिपोर्ट में-
कई वर्षों से कर रहे हैं खेती
चैरी जैसे दिखने वाले इस टमाटर की कीमत 400-600 रुपये प्रति किलो है. इस किस्म के टमाटर की पैदावर 12 महीने होती है. जिले में किसान अंबिका पटेल इस विलुप्त हो रही टमाटर की प्रजाति को सहेजे हुए हैं. विगत कई सालों से वह इसकी सप्लाई कर रहे हैं. अंबिका ने बताया कि जैविक तरीके से टमाटर उगाने के लिए उन्होंने एक गहरी रिसर्च की थी. इस रिसर्च में उन्होंने टमाटर की अलग-अलग किस्म को लगाया. इनमें छोटा चैरी (cherry tomato farming jabalpur) जैसे देखने वाले टमाटर उन्हे सबसे ज्यादा उपयोगी पाया.
अंगूर की तरह होती है पैकिंग
अंबिका ने बताया कि इसे हम हाइब्रिड टमाटर या फिर स्वदेशी तकनीक से निर्मित हाई विटामिन युक्त टमाटर भी कह सकते हैं. खास बात यह है कि बरसात के दिनों में इसे पॉलीहाउस में भी पैदा किया जा सकता है. जब सामान्य तौर पर टमाटर की आवक बंद हो जाती है, तो इसका उपयोग बढ़ जाता है. इस टमाटर की पैकिंग भी बेहद खास किस्म से की जाती है. इसे अंगूर की तरह ही पैक किया जाता है.
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चैरी टमाटर को उगाना या उसकी खेती करना कोई कठिन काम नहीं है, बल्कि इसे ट्रे या किसी पिट में भी अंकुरित किया जा सकता है. पर्याप्त नमी के लिए सिंचाई या ड्रॉप स्प्रिंकलिंग की सुविधा के माध्यम से भी इसकी खेती की जा सकती है. अच्छी बात यह है कि छोटे साइज होने के चलते इनमें खटास एक बड़े टमाटर के मुकाबले ही होती है. विटामिन की मात्रा भी अधिक होती है.