जबलपुर। शहर में साइबर पुलिस ने एक हाईटैक ठग को पकड़ा है, जो 'तोहफा' एप के जरिये लोगों को ठगता था. इस एप के माध्यम से यूजर्स का डाटा चोरी तक धोखाधड़ी करता था. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की. आरोपी का नाम आशीष वर्मा है, जो रांझी के गोकलपुर का रहवासी है. उसकी उम्र 24 साल है. उसने कम्प्यूटर साइंस का डिप्लोमा कोर्स किया है. उसने लोगों को ठगने के लिए तोहफा नामक एप्लीकेशन बनाया था. यूजर्स जब प्ले स्टोर पर जाकर लॉगिन करते है, तो मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, ई-मेल और पासवर्ड सहित बैंक अकाउंट की जानकारी भी शेयर करनी पड़ती है, जिससे पर्सनल डाटा हैक हो जाता है.
'तोहफा' एप के जरिये हजारों रुपये की ठगी, साइबर पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार - जबलपुर में तोहफा एप के जरिए ठगी
जबलपुर में 'तोहफा' मोबाइल एप के जरिए हजारों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है, जहां आरोपी को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
जबलपुर। शहर में साइबर पुलिस ने एक हाईटैक ठग को पकड़ा है, जो 'तोहफा' एप के जरिये लोगों को ठगता था. इस एप के माध्यम से यूजर्स का डाटा चोरी तक धोखाधड़ी करता था. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की. आरोपी का नाम आशीष वर्मा है, जो रांझी के गोकलपुर का रहवासी है. उसकी उम्र 24 साल है. उसने कम्प्यूटर साइंस का डिप्लोमा कोर्स किया है. उसने लोगों को ठगने के लिए तोहफा नामक एप्लीकेशन बनाया था. यूजर्स जब प्ले स्टोर पर जाकर लॉगिन करते है, तो मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, ई-मेल और पासवर्ड सहित बैंक अकाउंट की जानकारी भी शेयर करनी पड़ती है, जिससे पर्सनल डाटा हैक हो जाता है.
जबलपुर में साइबर पुलिस ने एक हाईटेक ठग को पकड़ा है जो मोबाइल एप्प के जरिये लोगों को ठग रहा था, पुलिस ने आरोपी को जब हिरासत में लिया तो उसने चैंकाने वाले खुलासे किए। दरअसल 24 वर्षीय आशीष वर्मा कम्प्यूटर साइंस का डिप्लोमा करने के बाद मोबाइल एप्प बनाने का काम कर रहा था। उसने लोगों को गिफ्ट पहंुचाने वाला तोहफा नामक एप्लीकेशन बनाया और उसे ही ठगी का माध्यम बना लिया। बहरहाल उसके इन कारनामों ने उन्हें सलाखों के पीछे पहंुचा दिया है।
Body:तोहफा नामक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से एप यूजर्स का डाटा चोरी कर धोखाधड़ी करने वाले शातिर ठग का नाम आशीष वर्मा है जो महज 24 साल की है उम्र में ठगी के काम मे लिप्त हो गया था। रांझी के गोकलपुर के रहने वाले आशीष ने कम्प्यूटर साइंस का डिप्लोमा किया है जो अब मोबाइल एप्लीकेशन बनाता है। यूट्यूब के माध्यम से एप्प बनाने की तकनीक सीखने के साथ ही उसने एप्प के जरिये ठगी करने का तरीका भी सीख लिया और लोगों को ठगने लगा। गूगल प्ले स्टोर में मौजूद इस एप्प में जब यूजर लाॅगिन करता है तो उसका मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, ईमेल और पासवर्ड सहित बैंक अकाउंट की जानकारी भी शेयर करना पड़ता है। Conclusion:यूजर की इसी जानकारी के आधार पर आशीष उनके बैंक अकाउंट को हैक कर लेता था और उससे आॅनलाइन शाॅपिंग करता था। आॅनलाइन खरीदे गए सामान को बाजार में कम कीमत में बेचकर मुनाफा कमाता था। इसकी ठगी के शिकार एक शख्स ने जब साइबर पुलिस में शिकायत की कि उनके क्रेडिट कार्ड को हैक कर किसी ने आॅनलाइन शाॅपिंग की है। जिसके बाद साइबर पुलिस ने पड़ताल शुरू की।एप्लीकेशन बनाने और आॅपरेट करने वाले की जानकारी जुटाई जिससे शातिर ठग आशीष वर्मा तक कानून का शिकंजा पहंुच गया। साइबर पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस एप्लीकेशन को अभी तक लगभग 1000 लोग डाउनलोड कर चुके हैं।
बाइट- विपिन ताम्रकार, प्रभारी, साइबर पुलिस जबलपुर