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चुनाव ने डाला शादी के रंग में भंग, बारातियों के लिए नहीं मिल रही बसें - voting

अप्रैल में शादी की तारीख तय होने के बाद एडवांस बयाना देकर महीने भर पहले से बसें बुक करा ली थी, लेकिन अप्रैल में चुनाव की तारीख का ऐलान हो जाने के बाद बस ऑपरेटरो ने बुकिंग कैंसल कर दी है. जबलपुर जिले की करें तो लोकसभा चुनाव के 29 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर 22 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक 5 दिन के लिए 1,245 बसें अधिग्रहित की जानी है.

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Published : Mar 28, 2019, 12:16 AM IST

जबलपुर। लोकसभा चुनाव की वजह से शादियों के रंग में भंग पड़ना शुरू हो गया है. जिन्होने 22 अप्रैल के बाद शादियों की तारीख तय कर ली है. ऐसे लोगो को बारात ले जाने के लिए बसें ही नहीं मिल रही है. 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान के मद्देनजर जबलपुर में बस ऑपरेटरों ने बारात की बुकिंग लेना बंद कर दी है. जिस कारण से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


जिले भर में ऐसे करीब 75 मामले बताए जा रहे है,जिनके यहां अप्रैल में शादी की तारीख तय होने के बाद एडवांस बयाना देकर महीने भर पहले से बसें बुक करा ली थी, लेकिन अप्रैल में चुनाव की तारीख का ऐलान हो जाने के बाद बस ऑपरेटरो ने बुकिंग कैंसल कर दी है. जबलपुर जिले की करें तो लोकसभा चुनाव के 29 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर 22 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक 5 दिन के लिए 1,245 बसें अधिग्रहित की जानी है. इसके साथ ही 450 कार, जीप, टैक्सी के अधिग्रहण का टारगेट भी परिवहन को दिया गया है.


बस ऑपरेटर्स की माने तो यदि बारात के लिए बस लगाई जाती है तो पुलिस और आरटीओ रास्ते में ही बस अधिग्रहण कर लेते है. जिसके कारण बारातियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. इसके साथ साथ डेली सर्विस भी पूरी तरह से प्रभावित होती है. जबकि 4 से 5 प्रतिशत बसे जो बचती है वो बस मालिको के प्रभाव से होती है. यही वजह है कि विवाह के लिए बसों की बुकिंग नहीं की जा रही है.

जबलपुर। लोकसभा चुनाव की वजह से शादियों के रंग में भंग पड़ना शुरू हो गया है. जिन्होने 22 अप्रैल के बाद शादियों की तारीख तय कर ली है. ऐसे लोगो को बारात ले जाने के लिए बसें ही नहीं मिल रही है. 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान के मद्देनजर जबलपुर में बस ऑपरेटरों ने बारात की बुकिंग लेना बंद कर दी है. जिस कारण से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


जिले भर में ऐसे करीब 75 मामले बताए जा रहे है,जिनके यहां अप्रैल में शादी की तारीख तय होने के बाद एडवांस बयाना देकर महीने भर पहले से बसें बुक करा ली थी, लेकिन अप्रैल में चुनाव की तारीख का ऐलान हो जाने के बाद बस ऑपरेटरो ने बुकिंग कैंसल कर दी है. जबलपुर जिले की करें तो लोकसभा चुनाव के 29 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर 22 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक 5 दिन के लिए 1,245 बसें अधिग्रहित की जानी है. इसके साथ ही 450 कार, जीप, टैक्सी के अधिग्रहण का टारगेट भी परिवहन को दिया गया है.


बस ऑपरेटर्स की माने तो यदि बारात के लिए बस लगाई जाती है तो पुलिस और आरटीओ रास्ते में ही बस अधिग्रहण कर लेते है. जिसके कारण बारातियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. इसके साथ साथ डेली सर्विस भी पूरी तरह से प्रभावित होती है. जबकि 4 से 5 प्रतिशत बसे जो बचती है वो बस मालिको के प्रभाव से होती है. यही वजह है कि विवाह के लिए बसों की बुकिंग नहीं की जा रही है.

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