जबलपुर। कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन से छात्रों की पढाई-लिखाई पूरी तरह चौपट हो गई, जिसकी भरपाई के लिए ऑनलाइन क्लास शुरू किया गया, ताकि छात्रों के नुकसान की भरपाई किया जा सके क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद भी खोलने की अनुमति नहीं मिली है, जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार छात्रों को वर्चुअल क्लासेस, टीवी और रेडियो के माध्यम से पढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन प्रदेश के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां न तो इनटरनेट की व्यवस्था है और न ही कोई अन्य माध्यम की पहुंच छात्रों तक है. इसी कड़ी में सरकार ने एक और कदम उठाया है. जिसके तहत अब छात्रों को उनके घर तक किताबें पहुंचाई जा रही हैं, ताकि बच्चे घर पर ही रहकर पढ़ाई कर सकें.
स्कूल शिक्षा विभाग ने दावा किया है कि अभी तक शहरी और ग्रामीण इलाकों में एक लाख 37 हजार छात्रों को 6 लाख 56 किताबें और 2 लाख 11 हजार 664 कॉपियां बांटी गई हैं. जबलपुर के बेहद पिछड़े इलाके शीतला माई क्षेत्र में रहने वाले छात्रों का कहना है कि उन्हें किताबें मिल चुकी है और पढ़ने के लिए वे अपने परिवार के लोगों की मदद ले रहे हैं. शिक्षा विभाग का कहना है कि जबलपुर में अभी तक 90 प्रतिशत बच्चों तक किताबें पहुंच चुकी हैं.
वहीं क्षेत्र के सरकारी स्कूल में कुछ किताबें रखी हुई भी मिली हैं, इस बारे में प्रभारी शिक्षक चंद्रभान शिल्पकार का कहना था कि ये उर्दू माध्यम की किताबें हैं, जो मदरसों में बांटी जानी है, लेकिन छपाई में देरी की वजह से ये उन्हें बाद में मिली है. इसलिए मदरसों तक नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन जल्द ही इन्हें भी बांटने की तैयारी की जा रही है.
जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा का कहना है कि शिक्षकों को वेबिनार के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही है और पढ़ाई को निरंतर बनाए रखने के लिए हर जरूरी प्रयास किया जा रहा है. स्कूल शिक्षा विभाग छात्रों को पढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रहा है. इसमें व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में ज्यादातर गरीब बच्चे पढ़ते हैं, इसलिए टेलीविजन के माध्यम से भी पढ़ाई कराई जा रही है और अब घर को स्कूल बनाकर पढ़ाने की कोशिश की जा रही है. जिसके लिए छात्रों को किताबें बांटी जा रही है.
प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, ऐसे में किसी को पता नहीं है कि नियमित स्कूल कब खुलेंगे. क्या इस साल परीक्षाएं हो पाएंगी, इस बारे में भी अभी किसी के पास कोई जवाब नहीं है. अभी स्कूल एक अगस्त तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन जो परिस्थितियां हैं, उनमें स्कूलों को आगे भी बंद रखने का आदेश दिया जा सकता है.