जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. दरअसल, मंगलवार को भाजपा विधायक सुशील तिवारी इंदु ने दिग्विजय सिंह को नोटिस भेजा है. इसमें विधायक इंदु ने चुनौती दी है कि "अगर 7 दिन में दिग्विजय सिंह उनके खिलाफ लगाए गये आरोपों का सबूत पेश नहीं करते हैं, तो इस मामले में दिग्विजय सिंह को कोर्ट में मानहानि के तहत चुनौती दी जायेगी". दरअसल, सोमवार को जबलपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिग्विजय सिंह ने भाजपा पनागर विधायक सुशील तिवारी इंदु पर पीडीएस का अनाज ब्लैक करने का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में मंगलवार को विधायक ने चुनौती दी है.
भाजपा विधायक को बताया PDS माफिया: जबलपुर पनागर के बीजेपी विधायक सुशील तिवारी इंदु के खिलाफ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि "सुशील तिवारी मध्य प्रदेश के सबसे बड़े PDS माफिया हैं जो करोड़ों रुपए का गरीबों का अनाज गैरकानूनी तरीके से बेचते हैं." दिग्विजय सिंह के इस आरोप के बाद जबलपुर की भारतीय जनता पार्टी में खलबली मच गई है. मंगलवार को बीजेपी के संगठन ने इंदु तिवारी का साथ देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता में मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह, जबलपुर कैंट के विधायक अशोक रोहाणी और जबलपुर बीजेपी के अध्यक्ष प्रभात साहू मौजूद रहे.
दिग्विजय सिंह लगा रहे बेबुनियाद आरोप: प्रेस वार्ता के दौरान सुशील तिवारी इंदू का कहना है कि "लगता है दिग्विजय सिंह अपनी राज्यसभा सदस्यता को खोना चाहते हैं इसलिए वे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. दिग्विजय सिंह जो आरोप लगा रहे हैं उसका कोई सबूत उनके पास नहीं है." बता दें कि इंदु तिवारी के परिवार ने 2002 के बाद से कभी PDS से जुड़ा कोई काम नहीं किया है. उसके पहले तक बीते 15 सालों तक इंदु तिवारी का परिवार पीडीएस के कारोबार में परिवहन से जुड़ा रहा था. लेकिन इसके पहले भी इंदु तिवारी के ऊपर ऐसे आरोप लगे थे इसकी जांच हुई थी और उन्हें प्रशासन की ओर से क्लीन चिट मिली थी. इसी वजह से इंदु तिवारी का दावा है कि दिग्विजय सिंह जो आरोप लगा रहे हैं वे बेबुनियाद हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिश है.
दिग्विजय सिंह से सार्वजनिक माफी मांगने के लिए कहा: इंदु तिवारी इस मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे इसलिए उन्होंने एक कानूनी नोटिस भी दिग्गी राजा को भेजा है. अगर 7 दिनों में दिग्विजय सिंह सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें कानूनी मुकदमा झेलना होगा. इस मामले में लड़ाई जल्दी खत्म होती नजर नहीं आ रही है क्योंकि मामला सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ा हुआ है और इसका असर केवल पनागर नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में देखने को मिलेगा. इसी वजह से BJP इस मामले का काउंटर पूरी ताकत से कर रही है.