जबलपुर। महाराष्ट्र के नागपुर की अल्पसंख्यक मोर्चे की जिला महामंत्री सना खान की हत्या की गुत्थी तो सुलझ गई है, लेकिन अब तक उसकी बॉडी नहीं मिली है. जबलपुर और नागपुर की पुलिस आरोपी अमित साहू के निशान देही पर हिरन नदी में खोज रही है, सना खान की बॉडी एसडीआरएफ की टीम भी लगातार कोशिश कर रही है, अमित साहू ने पैसों के विवाद के चलते सना खान की हत्या की थी.
कौन थी सना खान: महाराष्ट्र के नागपुर जिले में अल्पसंख्यक मोर्च की महामंत्री 34 साल की सना खान बीते 2 अगस्त को लापता हो गई थी. पहली बार उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट नागपुर के कमलापुर थाने में सना खान के परिवार वालों ने लिखवाई, जिसमें सना खान के बारे में कहा गया कि वह एक बस से जबलपुर के लिए रवाना हुई थी और उसके बाद से उनका पता नहीं मिल रहा है. इसके बाद नागपुर पुलिस ने मोबाइल की ट्रैकिंग शुरू की, जिससे सना खान की अंतिम लोकेशन जबलपुर मिला, जहां सना खान का मोबाइल चालू था.
सना और अमित पति-पत्नी थे: 4 अगस्त को नागपुर की पुलिस की एक टीम जबलपुर पहुंची और जबलपुर में उन्होंने गोरा बाजार पुलिस चौकी से मुलाकात की, क्योंकि सना खान के परिवार ने अमित साहू नाम के एक आदमी पर शक जाहिर किया था. अमित साहू और सना खान आपस में परिचित थे, परिवार के लोगों ने ही एक मैरिज सर्टिफिकेट भी गोरा बाजार पुलिस चौकी के पुलिस वालों को दिया था, जो अप्रैल का था और जबलपुर के कलेक्ट्रेट से एसडीएम शेर सिंह मीणा की कोर्ट से जारी हुआ था. इस मैरिज सर्टिफिकेट के सामने आने के बाद सना और अमित उर्फ पप्पू साहू का रिश्ता तय हो गया था कि वह आपस में पति-पत्नी थे, लेकिन अब तक इस मामले की गुत्थी नहीं सुलझ रही थी. सना खान को खोजने आए उनके भाई मोहसिन ने बताया "सना खान और अमित साहू का फोन पर विवाद हुआ था, जिसके बाद सना जबलपुर आई थी."
अवैध शराब बेचता है अमित: सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि "अमित उर्फ पप्पू साहू एक बदमाश किस्म का आदमी है, जो शराब का अवैध कारोबार करता है. इसके साथ ही उसका जबलपुर के 20 किलोमीटर दूर बेलखादू में एक आशीर्वाद ढाबा भी है, यही से अवैध शराब का कारोबार अमित साहू करता था. उसके ऐसे ही किसी प्रोजेक्ट में पैसा लगाने के लिए सना ने भी कुछ पैसा उसे दिए था, जिसको लेकर विवाद हुआ."
हत्या की असली वजह अभी तक साफ नहीं: सूत्रों के हवाले से अमित और सना का विवाद एक वीडियो कॉल से शुरू हुआ था, जिसमें सना खान ने अमित साहू को एक सोने की चेन दी थी, जो उसके गले में नहीं थी. इस पर सना खान भड़क गई और नागपुर से जबलपुर आ गई, हालांकि सना की और अमित साहू की विवाद की सही वजह क्या थी इसके बारे में अभी तक किसी को कोई जानकारी नहीं है."
नदी में फेंका था शव: मोहसिन खान जबलपुर पुलिस और नागपुर पुलिस लगातार अमित और पप्पू साहू को खोज रही थी, अमित साहू जबलपुर के राजुल सिटी तिलहरी में एक मकान किराए से लेकर रह रहा था. परिवार की मौजूदगी में नागपुर पुलिस यहां भी पहुंची, लेकिन यहां से सना की मौजूदगी की कोई पुष्टि नहीं हो पाई. बीच में तो जबलपुर पुलिस ने यह कह दिया था कि वे जबलपुर आई ही नहीं थी, इसका कोई सबूत अब तक उनके पास नहीं है, लेकिन इसी बीच 11 अगस्त को अमित साहू पकड़ा गया और जब अमित साहू से कड़ी पूछताछ की गई तो उसने सना की हत्या कबूल कर लिया. अमित साहू ने बताया कि उसने गुस्से में सना के सिर पर डंडे से हमला किया था, इसके बाद जब सुना बेहोश होकर जमीन पर गिर गई थी तो रात में अमित साहू वापस अपने फ्लैट पर आया और उसने सना की बॉडी को अपनी वेगनर कार में रखकर जबलपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर हिरन नदी के पुल से नीचे फेंक दिया.
नहीं मिली डेड बॉडी: इस मामले में अभी तक नागपुर में कमलापुर थाने में एक मामला दर्ज है, जिसमें अपहरण कर हत्या का आरोप अमित साहू के ऊपर लगाया गया है. इसलिए पुलिस अब सना खान की बॉडी तलाश कर रही है, लेकिन यह घटनाक्रम 2 से लेकर 4 तारीख के बीच का है और इसी बीच जबलपुर में 3 दिनों में लगभग 13 इंच बारिश हुई थी, इसकी वजह से हिरण नदी उफान पर थी और नर्मदा नदी के भी बरगी बांध के 19 गेट खोले गए थे, इसलिए नर्मदा नदी में बहुत ज्यादा पानी था, ऐसी स्थिति में सना खान की बॉडी कहां गई है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. लेकिन एसडीआरएफ की टीम मोटरबोट लेकर आज दिनभर सना खान की मृत शरीर को खोजने के लिए हिरण नदी में तलाश अभियान चलाती रही, लेकिन अभी तक सना खान की बॉडी नहीं मिली है.
पुलिस के सूत्रों का कहना है कि अगर सना खान की बॉडी नहीं मिलती है तो धारा 302 के तहत हत्या के मुकदमे में पुलिस का पक्ष कमजोर हो जाएगा, ऐसी स्थिति में पुलिस को दूसरे सबूतों का सहारा लेना होगा. अभी तक इस बात का भी खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर अमित साहू और सना खान की मुलाकात क्यों हुई थी और इस हत्या की मुख्य वजह क्या थी. इस मामले में पुलिस ने अमित साहू के एक सहयोगी और ढाबे के एक कर्मचारी को भी हिरासत में लिया है, जिसका कहना है कि उसने गाड़ी में डाला हुआ खून साफ किया था.