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प्री मानसून ने गर्मी से दिलाई राहत, तो किसानों की बढ़ी मुसीबत, प्रशासनिक लापरवाही पड़ी भारी

जबलपुर से लगे चरगवां खरीदी केन्द्र में इस साल कुल 60 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई थी, लेकिन अब तक सिर्फ 22 हजार क्विंटल का ही परिवहन हो सका है, नतीजा यह हुआ कि बारिश से खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं भीग गया. जिससे बड़ा नुकसान हुआ है.

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Published : Jun 8, 2019, 1:50 PM IST

प्रशासनिक लापरवाही से खराब गेहूं

जबलपुर। भीषण गर्मी के बाद देर रात हुई प्री मानसून की बारिश ने एक ओर जहां आम लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है, तो वहीं प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर कर दिया है. गेहूं खरीदी के बाद खुले आसमान में परिवहन के लिए पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं बारिश में भीग गया.


जबलपुर से लगे चरगवां खरीदी केन्द्र में इस साल कुल 60 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई थी, लेकिन अब तक सिर्फ 22 हजार क्विंटल का ही परिवहन हो सका है. नतीजा यह हुआ कि बारिश से खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं भीग गया. इससे बड़ा नुकसान प्रशासन को उठाना पड़ सकता है.

प्रशासनिक लापरवाही से खराब गेहूं


खरीदी केन्द्र प्रभारी के मुताबिक बारिश में भीगा गेहूं प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है. खुले में पड़े गेहूं के लिए हर दिन व्हाटस्एप और अन्य माध्यमों से प्रशासन को परिवहन के लिए जानकारी दी गई थी, लेकिन परिवहन नहीं हो सका.


वहीं किसान भी अपनी उपज का नुकसान होता देख परेशान हैं. उनका कहना है कि खरीदी के बाद अब तक उन्हें भुगतान नहीं हुआ है और प्रशासन की गलती से अब सरकार को भी नुकसान झेलना पड़ेगा.

जबलपुर। भीषण गर्मी के बाद देर रात हुई प्री मानसून की बारिश ने एक ओर जहां आम लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है, तो वहीं प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर कर दिया है. गेहूं खरीदी के बाद खुले आसमान में परिवहन के लिए पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं बारिश में भीग गया.


जबलपुर से लगे चरगवां खरीदी केन्द्र में इस साल कुल 60 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई थी, लेकिन अब तक सिर्फ 22 हजार क्विंटल का ही परिवहन हो सका है. नतीजा यह हुआ कि बारिश से खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं भीग गया. इससे बड़ा नुकसान प्रशासन को उठाना पड़ सकता है.

प्रशासनिक लापरवाही से खराब गेहूं


खरीदी केन्द्र प्रभारी के मुताबिक बारिश में भीगा गेहूं प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है. खुले में पड़े गेहूं के लिए हर दिन व्हाटस्एप और अन्य माध्यमों से प्रशासन को परिवहन के लिए जानकारी दी गई थी, लेकिन परिवहन नहीं हो सका.


वहीं किसान भी अपनी उपज का नुकसान होता देख परेशान हैं. उनका कहना है कि खरीदी के बाद अब तक उन्हें भुगतान नहीं हुआ है और प्रशासन की गलती से अब सरकार को भी नुकसान झेलना पड़ेगा.

Intro:एंकर - भीषण गर्मी के बाद देर रात हुई प्री मानसून की बारिष ने एक ओर जहाॅ आम लोगो को गर्मी से राहत दिलाई है तो वही प्रषासनिक लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। गेंहूॅ खरीदी के बाद खुले आसमान मे परिवहन के लिए पड़ा हज़ारो क्विंटल गेंहूॅ बारिष ने भीग गया। जबलपुर से लगे चरगवां खरीदी केन्द्र मे इस साल कुल 60 हज़ार क्विंटल गेंहू की खरीदी की गई थी लेकिन अब तक सिर्फ 22 हज़ार क्विंटल का ही परिवहन हो सका। Body:नतीजा यही हुआ कि बारिष से खुले आसमान मे पड़ा गंेहॅू भीग गया जिससे बड़ा नुकसान प्रषासन को उठाना पड़ सकता है। खरीदी केन्द्र प्रभारी के मुताबिक बारिष मे भीगा गंेहूॅ प्रषासनिक लापरवाही है ,, खुले मे पड़े गेंहूॅ के लिए प्रतिदिन व्हाटस्एप और अन्य माध्यमो से प्रषासन को परिवहन के लिए जानकारी दी गई थी लेकिन परिवहन न हो सका। वही किसान भी अपनी उपज का नुकसान होते देख परेषान है उसका कहना है कि खरीदी के बाद अब तक उन्हे भुगतान नही हुआ है और प्रषासन की गलती से अब सरकार को भी नुकसान झेलना पड़ेगा।

बाइट- पूरन ठाकुर खरीदी केन्द्र प्रभारी चरगवाॅ
बाइट- राकेश जैन किसान

शिव चौबे जबलपुरConclusion:बहरहाल अभी कोई जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी जायजा लेने पहुचे है अगर प्रशासन जल्द परिवहन नही किया या बारिश से बचाव के पुख्ता इंतजाम नही किये तो प्रश्न ओर भी करोडो को चुना लग सकता है
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