जबलपुर। मध्य प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्राचीन ग्रंथों की जानकारी दी जाएगी. हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि प्रदेश के सभी कॉलेजों में अब छात्र-छात्राओं को भागवत गीता भी पढ़ाई जाएगी. इसके जरिए छात्र-छात्राओं को ज्ञान दिया जाएगा. अब जबलपुर में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने फिर दोहराया कि युवाओं को भागवत गीता का ज्ञान जरूरी है.
क्यों जरूरी है भागवत गीता का ज्ञान : एक दिवसीय दौरे पर जबलपुर पहुंचे मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि आखिर क्यों आज के युवा पीढ़ी को भागवत गीता का ज्ञान जरूरी है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति पर इस बात की गुंजाइश दी गई है कि हम प्राचीन ग्रंथ पर जाएं, जिनसे नैतिक शिक्षा मिल सकती है और भगवत गीता तो कर्मों के बारे में सबसे अच्छा ग्रंथ है. इसी उद्देश्य के तहत भागवत गीता पढ़ाई जाएगी. इसका लाभ सभी को मिलेगा और यह हमारा गौरवशाली अतीत भी है.
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नई शिक्षा नीति पर जोर : प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि भगवत गीता हमारा दर्शन है. यह हमारा अतीत है. इस पर कि हम सभी को गर्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्वावलम्बी बनने के लिए रोजगार परख शिक्षा और नई शिक्षा नीति के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं और भगवत गीता भी उसी का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि न्यायालय में गीता पर हाथ रखकर कसम खाई जाती है. लेकिन गीता और रामायण किसी स्कूल या कॉलेज में नहीं पढ़ाया जाता. इन ग्रंथों को अगर जानने का मौका नहीं देंगे, तो युवाओं को उनका महत्व कैसे पता चलेगा. सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए यह बहुत ही अच्छा निर्णय है. उच्च शिक्षा मंत्री ने इस फैसले के लिए सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया. (higher education minister Mohan yadav statement) (Bhagwat Geeta will taught in all colleges)