जबलपुर। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि उन्होंने आरक्षक भर्ती 2020 की चयन प्रक्रिया में भाग लिया था और सभी लिखित में पास हो गए थे. इसके बाद उन्हें शारीरिक परीक्षा में बुलाया गया. जिसमें भी सभी क्वालीफाई कर गए, सिर्फ उनके लिखित में आये नंबरों के आधार पर परिणाम निकलना था. जिस पर 12 नवंबर 22 को परिणाम निकाला गया. इसमे याचिकाकर्ताओं के अंतिम अंक भी दर्शाए गए, लेकिन उसमें पाया गया कि उनके अंक अपनी जाति वर्ग के अंतिम अंकों से अधिक हैं. अर्थात कट ऑफ़ अंकों से अधिक है. लेकिन फिर भी सभी याचिकाकर्ताओं को फेल बताया गया.
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शासन को दो सप्ताह में देना होगा जवाब : याचिकाकर्ताओं ने जब शासन तथा कर्मचारी चयन मंडल से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि उनके रोजगार कार्यालय के पंजीयन में कोई त्रुटि है. इस पर आवेदकों की ओर से कहा गया कि उनका रोजगार पंजीयन कोविड-19 के चलते समाप्त हो गया था. जिसे उन्होंने शारीरिक परीक्षा से पहले नवीनीकरण करवा लिया था. फिर भी मौखिक रूप से यह गलत कारण बताकर उन्हें फेल बताया जा रहा है. जोकि उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है. इसके बाद न्यायालय ने उक्त अंतरिम आदेश देते हुए कर्मचारी चयन मंडल व मप्र शासन को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपराह ने पक्ष रखा.