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साइबेरियन पक्षियों को बेसन के सेव खिलाने पर लगा प्रतिबंध, बिगड़ने लगी थी पक्षियों की सेहत - jabalpur news

जबलपुर में सात समुंदर पार से आए साइबेरियन पक्षियों को गुणवत्ताहीन बेसन से बने सेव खिलाने से उनकी सेहत बिगड़ने लगी है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने नर्मदा के ग्वारीघाट पर बिक रहे सेव पर प्रतिबंध लगाया दिया है.

Ban on salt feeding of migratory birds
प्रवासी पक्षियों को नमकीन खिलाने पर लगा प्रतिबंध
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Published : Dec 27, 2019, 1:50 PM IST

जबलपुर। सात समुंदर पार से आए साइबेरियन पक्षियों ने इन दिनों मां नर्मदा के ग्वारीघाट में डेरा डाला हुआ है. लगभग 1 महीने की लंबी यात्रा कर यह साइबेरियन पक्षी जबलपुर पहुंचे हैं. इन पक्षियों के आने से ग्वारीघाट तट का नजारा पूरी तरह से बदल गया है. एक ओर जहां खुशनुमा मौसम के कारण मां नर्मदा की सैर करने वाले सैलानियों में खुशी का माहौल है तो वहीं विदेशी मेहमानों की मौजूदगी घाट को और खूबसूरत बना रही हैं.

प्रवासी पक्षियों को नमकीन खिलाने पर लगा प्रतिबंध

कुछ लोगों के चलते इन साइबेरियन पक्षियों की जान खतरे में भी आ गई है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है. दर्शल मां नर्मदा की गोद में अठखेलियां कर रहे इन साइबेरियन पक्षियों को कुछ लोग गुणवत्ता विहीन बेसन से बने सेव खिला रहे हैं. जिला प्रशासन के पास पहुंची एक शिकायत में यह साबित हुआ कि सेव लिखाने से पक्षी बीमार पड़ रहे हैं. जिस पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है.

जिला प्रशासन ने दुकानदारों को निर्देश दिए हैं कि पक्षियों को यह सेव बिल्कुल ना खिलाए जाएं. जिला प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए दुकानदारों ने सेव बेचना बंद कर दिया है. बता दें कि यह पक्षी जबलपुर में करीब 3 महीने तक रहेंगे और फिर गर्मी आते ही वापस लौट जाएंगे.

जबलपुर। सात समुंदर पार से आए साइबेरियन पक्षियों ने इन दिनों मां नर्मदा के ग्वारीघाट में डेरा डाला हुआ है. लगभग 1 महीने की लंबी यात्रा कर यह साइबेरियन पक्षी जबलपुर पहुंचे हैं. इन पक्षियों के आने से ग्वारीघाट तट का नजारा पूरी तरह से बदल गया है. एक ओर जहां खुशनुमा मौसम के कारण मां नर्मदा की सैर करने वाले सैलानियों में खुशी का माहौल है तो वहीं विदेशी मेहमानों की मौजूदगी घाट को और खूबसूरत बना रही हैं.

प्रवासी पक्षियों को नमकीन खिलाने पर लगा प्रतिबंध

कुछ लोगों के चलते इन साइबेरियन पक्षियों की जान खतरे में भी आ गई है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है. दर्शल मां नर्मदा की गोद में अठखेलियां कर रहे इन साइबेरियन पक्षियों को कुछ लोग गुणवत्ता विहीन बेसन से बने सेव खिला रहे हैं. जिला प्रशासन के पास पहुंची एक शिकायत में यह साबित हुआ कि सेव लिखाने से पक्षी बीमार पड़ रहे हैं. जिस पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है.

जिला प्रशासन ने दुकानदारों को निर्देश दिए हैं कि पक्षियों को यह सेव बिल्कुल ना खिलाए जाएं. जिला प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए दुकानदारों ने सेव बेचना बंद कर दिया है. बता दें कि यह पक्षी जबलपुर में करीब 3 महीने तक रहेंगे और फिर गर्मी आते ही वापस लौट जाएंगे.

Intro:जबलपुर
सात समुंदर पार कराने वाले साइबेरियन पक्षियों ने इन दिनों मां नर्मदा के ग्वारीघाट में डेरा डाला हुआ है।लगभग 1 महीने की लंबी यात्रा कर यह साइबेरियन पक्षी जबलपुर पहुंचे हैं।इन पक्षियों के आने से मां नर्मदा का ग्वारीघाट तट का नजारा पूरी तरह से बदल गया है।एक और जहां खुशनुमा मौसम के कारण मां नर्मदा की सैर करने वाले सैलानियों में खुशी का माहौल है तो वहीं विदेशी मेहमानों की मौजूदगी घाटों को और खूबसूरत बना देती है।


Body:पर इन सबसे अलग कुछ लोगों के चलते इन साइबेरियन पक्षियों की जान खतरे में भी आ गई है जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। दर्शल मां नर्मदा की गोद में अठखेलियां कर रहे इन साइबेरियन पक्षियों को कुछ लोग गुणवत्ता विहीन बेसन का सेव खिला रहे हैं।जिला प्रशासन के पास पहुँची एक शिकायत में यह साबित हुआ कि जो सेव इन साइबेरियन पक्षियों को खिलाया जा रहा है वह गुणवत्ता विहीन हैं जिसके चलते ये लगातार बीमार भी हो रहे हैं इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बेसन के सेव पक्षियों को खिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।


Conclusion:जिला प्रशासन ने दुकानदारों को निर्देश दिए हैं कि साइबेरियन पक्षियों को यह सेव बिल्कुल ना खिलाए जाएं।इधर स्थानीय लोग जहां यह मान रहे कि कहीं ना कहीं इन साइबेरियन पक्षियों को सेव से नुकसान हो रहा है तो वहीं दुकानदारों ने जिला प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए पक्षियों के लिए सेव नहीं है का बोर्ड अपनी दुकान के बाहर लगा दिया है। हालांकि कुछ लोग ऐसे हैं जो कि अभी भी बाहर से सेव लाकर पक्षियों को खिला रहे हैं। बहरहाल जिला प्रशासन के आदेश की अवहेलना अभी भी जारी है।हम आपको बता दें कि यह पक्षी जबलपुर में करीब 3 महीने तक रहेंगे और फिर वापस गर्मी आते ही साइबेरिया के लिए रवाना हो जाएंगे।
बाईट.1-सोनू रजक..….स्थानीय निवासी
बाईट.2-शुभम अग्रवाल......दुकानदार
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