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नाबालिग से दुराचार कर गर्भवती करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज - जबलपुर हाईकोर्ट

14 साल की नाबालिग को बहला-फुसलाकर दुराचार कर गर्भवती करने के आरोपी को जमानत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. जानिए पूरी खबर

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Jan 29, 2021, 9:08 PM IST

जबलपुर। एक 14 साल की नाबालिग को बहला-फुसलाकर रेप कर गर्भवती करने के आरोपी को जमानत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. पॉक्सो की विशेष न्यायाधीश संगीता यादव की अदालत ने आरोपी संतराम तेकाम की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

क्या है पूरा मामला

अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि पीड़िता के पिता ने 26 जुलाई 2020 को तिलवारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 14 साल की लड़की जो कि कक्षा सातवीं में पढ़ रहीं थी. 25 जुलाई को उनकी लड़की घर से गई और उसके बाद वापस नहीं आई. पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लेते हुए 18 जनवरी 2021 को पीड़िता के बयान लिए.

पीड़िता ने लिया संतराम टेकाम का नाम

पीड़िता ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि पिछले साल अभियुक्त संतराम टेकाम काम करने आया था, जिससे उसकी बात होने लगी थी. लेकिन आरोपी उसे बहला-फुसलाकर साथ रखने लगा. वहां दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे और वह 4 माह की गर्भवती है. पीड़िता के बयानों पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुराचार व पॉक्सो एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया था. सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी. मामले में शासन की ओर से एडीपीओ स्मृतिलता बरकड़े ने पक्ष रखा.

जबलपुर। एक 14 साल की नाबालिग को बहला-फुसलाकर रेप कर गर्भवती करने के आरोपी को जमानत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. पॉक्सो की विशेष न्यायाधीश संगीता यादव की अदालत ने आरोपी संतराम तेकाम की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

क्या है पूरा मामला

अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि पीड़िता के पिता ने 26 जुलाई 2020 को तिलवारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 14 साल की लड़की जो कि कक्षा सातवीं में पढ़ रहीं थी. 25 जुलाई को उनकी लड़की घर से गई और उसके बाद वापस नहीं आई. पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लेते हुए 18 जनवरी 2021 को पीड़िता के बयान लिए.

पीड़िता ने लिया संतराम टेकाम का नाम

पीड़िता ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि पिछले साल अभियुक्त संतराम टेकाम काम करने आया था, जिससे उसकी बात होने लगी थी. लेकिन आरोपी उसे बहला-फुसलाकर साथ रखने लगा. वहां दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे और वह 4 माह की गर्भवती है. पीड़िता के बयानों पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुराचार व पॉक्सो एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया था. सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी. मामले में शासन की ओर से एडीपीओ स्मृतिलता बरकड़े ने पक्ष रखा.

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