जबलपुर। साईं बाबा पर बयान देते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वह संत हो सकते हैं. फकीर हो सकते हैं. महापुरुष हो सकते हैं लेकिन भगवान तो कदापि नहीं हो सकते. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे देश में अनेक महापुरुष और बड़े संत हुए हैं. लेकिन इन्हें भगवान या देवता का दर्जा नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार साईं बाबा को कभी भी देवता का स्थान नहीं दिया जा सकता है. इस बारे में शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है. शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं. साईं बाबा के बारे में शंकराचार्य अपने बात रख चुके हैं.
धीरेंद्र शास्त्री का प्रबुद्धजनों से संवाद : जबलपुर में प्रबुद्धजनों से संवाद करने के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने ये बात कही. प्रबुद्धजनों में से एक व्यक्ति ने उनसे जानना चाहा कि सनातन धर्म में साईं बाबा की पूजा वैदिक तरीके से की जाती है. इसके साथ ही साउथ में तो साईं बाबा की पूजा का बहुत ज्यादा प्रचलन है. इस पर आपका क्या मार्गदर्शन है. इस सवाल के जवाब में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में ये सवाल अच्छा है. वैसे किसी की आस्था पर टिप्पणी करना ठीक नहीं लेकिन हर सनातनी को शंकराचार्य की बात माननी चाहिए. शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवता का दर्जा नहीं दिया. शास्त्री ने कहा कि जहां तक वैदिक रीतिरिवाज से पूजा का सवाल है तो घर वापसी का तो ये हमारा अभियान है.
रामनवमी के जुलूस पर पथराव करने वालों की 'ठटरी' बांधें : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने जबलपुर के पनागर में कथा के अंतिम दिन एक और विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत में रहना होगा तो सीताराम कहना होगा और जो नहीं कहेगा उसकी ठठरी बांधी जाएगी. बता दे कि ठठरी शब्द बुंदेलखंडी में एक गाली के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि किसी की मृत्यु के बाद शव को जिस अर्थी पर लिटाया जाता है उसे बुंदेली में ठठरी कहते हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंच पर स्पष्ट रूप से कहा कि रामनवमी के जुलूस में गुजरात, महाराष्ट्र और कोलकाता में जिन लोगों ने भी पत्थर फेंके हैं, उनकी ठठरी बांध दी जानी चाहिए. उन्होंने मंच से फिर अपील की कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है.