जबलपुर। संस्कारधानी में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया है. हालांकि मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू के कोई केस अभी तक नहीं है. लेकिन एहतियात के तौर पर शासन ने चिकन के आयात पर रोक लगा दी है. जिसके चलते अब चिकन विक्रेताओं को नुकसान की चिंता सताने लगी है. हालांकि व्यवसायियों का मानना है कि जैसे ही बर्ड फ्लू को लेकर लोगों में जागरुकता आएगी. वैसे ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा.
चिकन के व्यवसाय पर असर
चिकन व्यवसायी बताते हैं कि कोरोना काल मे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अंडा-चिकिन फायदेमंद होता है.रही बात बर्ड फ्लू की तो, ये फ्लू प्रवासी पक्षियों में फैलता है, न कि मुर्गी-मुर्गा में. चिकिन विक्रेता राहुल चौधरी बताते हैं कि बर्ड फ्लू को लेकर चल रही बातों से निश्चित रूप से व्यवसाय में कुछ असर जरूर पड़ा है.
'H1N8 कम खतरनाक'
सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में पदस्थ सहायक प्राध्यापक डॉ अंजू नायक बताती हैं कि बर्ड फ्लू के इस स्ट्रेन से डरने की कोई बात नहीं है. इसका इम्पैक्ट उतना अधिक नहीं है.वर्तमान में जो बर्ड फ्लू फैला हुआ है वह कौआ या जंगली पक्षियों में फैला हुआ है. ना की पालतू पक्षियों में. H1N8 उतना खतरनाक नहीं है.उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पहले से ही टीम बनाकर रखी हुई है. बर्ड फ्लू बीमारी से लोगों को जागरूक करने के लिए साल भर कार्यक्रम भी चलाया जाता है.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों को खास निर्देश
सभी जिलों में तैनात पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कौवों की मौत की सूचना मिलते ही तुरंत रिपोर्ट भेजी जाए. पोल्ट्री और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स मार्केट, फार्म, तालाब और प्रवासी पक्षियों पर खास नजर रखी जाए और प्रवासी पक्षियों के नमूने भोपाल लैब को भेजे जाएं.
सीएम शिवराज ने की बैठक
मध्य प्रदेश के कई जिलों में बर्ड फ्लू से हो रही पक्षियों की मौत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से सीमित अवधि के लिए मुर्गी आदि का व्यापार प्रतिबंधित रहेगा. यह रोक एहतियात के तौर पर लगाई गई है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जिलों में बर्ड फ्लू को लेकर गाइडलाइन का पालन सख्ती से कराया जाए और इसको लेकर लोगों को भी जागरूक किया जाए.
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