जबलपुर। भारत से बहुत अच्छी गौशाला सऊदी अरब में है. वहां पर गोवंश की यहां से ज्यादा केयर की जाती है. यह कहना है गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज का. जबलपुर में ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर दुनिया की सबसे अच्छी गौशाला देखना है तो चलो "सऊदी अरब". जिन मुसलमानों को गौभक्षी कहा जाता है. उनके देश में इतनी अच्छी गौशाला चल रही हैं कि उससे ज्यादा सुरक्षित पूरे देश में गौवंश नहीं है. (akhileshwaranand giri maharaj interview)
अल खिराज है दुनिया की सबसे अच्छी गौशाला
गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष की माने तो सऊदी अरब की अल खिराज गौशाला दुनिया की सबसे अच्छी है. यहां पर गायों की सेवा तो की ही जाती है. इसके अलावा वहां जिस गोवंश की उम्र हो जाती है. जब वह दूध नहीं दे पाती और न ही बच्चे को जन्म दे पाती. तब उनका मेडिकल सर्टिफिकेट जारी हो जाता है. उस गौवंश को अलग रखा जाता है. जब उसकी प्रकृतिक मौत होती है, तो उसका चमड़ा निकालकर केमिकल के माध्यम से जमीन में गढ़वा दिया जाता है. (saudi aram cow shelter)
अल खिराज गौशाला में 4000 गोवंश हैं मौजूद
गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज बताते हैं कि सऊदी अरब में स्थित अल खिराज गौशाला में आज 4000 गोवंश हैं. जिसमें से की 3600 स्थानीय प्रजाति के हैं. जबकि 400 भारतीय प्रजाति गोवंश हैं. उनके लिए पर्याप्त मात्रा में खाना-पीना वहां पर मौजूद है. इतना ही नहीं सऊदी अरब के अल खिराज गौशाला में स्थित एक गाय 40 से 50 लीटर तक दूध देने में सक्षम है. अपने इस बयान पर उन्होंने यह भी सवाल किया है कि क्या कभी भारत में इस तरह की गौशाला स्थापित हो सकती है. (akhileshwaranand giri maharaj view on saudi arab cow shelter)
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भारत में स्थित गौशालाओं में प्रबंधन का है अभाव
स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि हमेशा से यह ख्वाहिश रही कि जिस तरह की गौशाला सऊदी अरब में स्थापित है. उस तरह की भारत में भी हो पर यहां पर प्रबंधन का हमेशा से ही अभाव रहा है. इसके चलते इस तरह की गौशाला भारत में नहीं बन पा रही हैं. आज जब गाय दूध देना बंद कर देती है, बैल बूढ़ा हो जाता है और खेत नहीं जोत पाता, तो फिर गौ प्रबंधन और गौपालक की रूचि खत्म हो जाती है.