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घटिया चावल सप्लाई करने वाले सप्लायर पर नहीं हो रही कार्रवाई, अब खटखटाया जाएगा कोर्ट का दरवाजा - cattle feed rice

जबलपुर की सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच को 11 सितंबर का सरकार को पत्र लिखकर राशन दुकानों पर घटिया चावल बांटे जाने की शिकायत की थी. जिसमें इस बात का जिक्र भी किया गया है कि घटिया चावल मिल मालिकों को वापस कर दिए जाएं और उनसे नए चावल ले लिए जाएं. लेकिन सामाजिक संस्था ने इस पर आपत्ति जताई है और कहा कि सरकार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी ना कि मिल संचालकों को घटिया चावल वापस करना चाहिए था.

Cheap rice
घटिया चावल
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Published : Sep 29, 2020, 1:57 AM IST

जबलपुर। मंडला और बालाघाट में घटिया चावल का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है. अब जबलपुर की सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने 11 सितंबर को सरकार के पत्र का विरोध किया है. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि घटिया चावल मिल मालिकों को वापस कर दिए जाएं और उनसे नए चावल ले लिए जाएं.

घटिया चावल सप्लायर पर करने सरकार मेहरबान

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉक्टर पीजी नाथ पांडे का कहना है कि घटिया चावल सरकार को जब्त करने चाहिए थे और मिल मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी. लेकिन मिल मालिकों को चावल वापस कर दिए गए तो यह उन्हें रियायत दी गई है. उन्होंने कहा कि हो सकता है मिल मालिक दोबारा इसी चावल को फिर से गरीबों में सप्लाई कर दे. वहीं डॉ. पीजी नाथ पांडे का कहना है कि यदि सरकार ने अपना रुख नहीं बदला तो उनकी सामाजिक संस्था इस मामले को हाईकोर्ट ले जाएगी और जनहित याचिका दायर करेगी.

ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है मामला

मंडला, बालाघाट और कुछ आदिवासी जिलों में गरीबों को राशन में जो चावल दिया गया है, वह जानवरों के खाने लायक चावल था. जबकि उसे इंसानों को खिलाने के लिए दिया गया था. जब यह मामला सामने आया था तब ऐसा लग रहा था कि मामले में संलिप्त अधिकारियों और कुछ मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिस तरह से यह मामला अचानक से तेजी से सामने आया था ठीक वैसे ही घटिया चावल का मामला उतनी ही ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है.

जबलपुर। मंडला और बालाघाट में घटिया चावल का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है. अब जबलपुर की सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने 11 सितंबर को सरकार के पत्र का विरोध किया है. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि घटिया चावल मिल मालिकों को वापस कर दिए जाएं और उनसे नए चावल ले लिए जाएं.

घटिया चावल सप्लायर पर करने सरकार मेहरबान

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉक्टर पीजी नाथ पांडे का कहना है कि घटिया चावल सरकार को जब्त करने चाहिए थे और मिल मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी. लेकिन मिल मालिकों को चावल वापस कर दिए गए तो यह उन्हें रियायत दी गई है. उन्होंने कहा कि हो सकता है मिल मालिक दोबारा इसी चावल को फिर से गरीबों में सप्लाई कर दे. वहीं डॉ. पीजी नाथ पांडे का कहना है कि यदि सरकार ने अपना रुख नहीं बदला तो उनकी सामाजिक संस्था इस मामले को हाईकोर्ट ले जाएगी और जनहित याचिका दायर करेगी.

ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है मामला

मंडला, बालाघाट और कुछ आदिवासी जिलों में गरीबों को राशन में जो चावल दिया गया है, वह जानवरों के खाने लायक चावल था. जबकि उसे इंसानों को खिलाने के लिए दिया गया था. जब यह मामला सामने आया था तब ऐसा लग रहा था कि मामले में संलिप्त अधिकारियों और कुछ मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिस तरह से यह मामला अचानक से तेजी से सामने आया था ठीक वैसे ही घटिया चावल का मामला उतनी ही ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है.

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