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MP Medical University : आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी के पेपर लीक मामले में दो अधिकरियों के खिलाफ एक्शन

मध्यप्रदेश की आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में पेपर लीक के मामले में यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डाॅ. प्रभात बुधौलिया ने कार्रवाई करते हुए रतलाम के सह प्रध्यापक डाॅक्टर उमेश सिन्हा और जबलपुर आयुर्वेद काॅलेज की रीडर निधि श्रीवास्तव को दोषी मानते हुए विवि के समस्त कार्यों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. (Action against two officers in paper leak) (Medical University Action on two officers)

Medical University Action on two officers
मध्यप्रदेश की आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में पेपर लीक
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Published : Jul 15, 2022, 7:17 PM IST

जबलपुर। आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में पेपर लीक के मामले में रतलाम के सह प्रध्यापक डाॅ.उमेश सिन्हा और जबलपुर आयुर्वेद काॅलेज की रीडर निधि श्रीवास्तव दोनों अधिकारी यूनिवर्सिटी के किसी भी कार्य में अब हिस्सा नहीं ले सकते.

मिलीभगत से पेपर आउट कराया : ज्ञात हो कि 10 जून को होने बाले बीएएमएस की एनाटाॅमी विषय की परीक्षा सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक होनी थी. जिसमें प्रश्नपत्र को योजनाबद्ध तरीके से निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों संचालकों की मिलीभगत से आउट कराकर भ्रष्टाचार किया गया. परीक्षा नियंत्रक डाॅ.सचिन कुचया द्वारा डाॅ. निधि श्रीवास्तव प्रोफेसर शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर को पेपर सेटर बनाकर पहले एनाटाॅमी विषय का पेपर सेट कराया गया. पेपर सेटर से कभी भी प्रश्नपत्र का माॅर्डरेशन नहीं कराया जाता है. परन्तु निधि श्रीवास्तव को ही एनाटाॅमी विषय के पेपर का माॅडरेटर नियम विरुद्ध बनाया गया.

इसलिए की गई कार्रवाई : पेपर प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक परीक्षा केन्द्र में परीक्षार्थियों को प्रवेश की अनुमति होती है. अतः डाॅ. निधि श्रीवास्तव को पेपर माॅर्डरेशन के बाद 10 जून 2022 को विश्वविद्यालय में पेपर प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक नियमानुसार रुकना अनिवार्य था ताकि पेपर आउट होने की संभावना समाप्त हो जाये. इस पूरे प्रकरण में कुलसचिव द्वारा दो अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन मप्र स्टूडेंट यूनियन आपत्ति उठाते हुए कहा है कि सहायक कुलसचिव डाॅ. पंकज बुधौलिया और परीक्षा नियंत्रक डाॅक्टर सचिन कुचया पर कार्रवाई कब होगी. क्योंकि पूरे मामले में दोनों अधिकारियों की भूमिका अहम है. इनके द्वारा ही पेपर लीक कराके परीक्षा को प्रभावित किया गया है.(Action against two officers in paper leak) (Medical University Action on two officers)

जबलपुर। आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में पेपर लीक के मामले में रतलाम के सह प्रध्यापक डाॅ.उमेश सिन्हा और जबलपुर आयुर्वेद काॅलेज की रीडर निधि श्रीवास्तव दोनों अधिकारी यूनिवर्सिटी के किसी भी कार्य में अब हिस्सा नहीं ले सकते.

मिलीभगत से पेपर आउट कराया : ज्ञात हो कि 10 जून को होने बाले बीएएमएस की एनाटाॅमी विषय की परीक्षा सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक होनी थी. जिसमें प्रश्नपत्र को योजनाबद्ध तरीके से निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों संचालकों की मिलीभगत से आउट कराकर भ्रष्टाचार किया गया. परीक्षा नियंत्रक डाॅ.सचिन कुचया द्वारा डाॅ. निधि श्रीवास्तव प्रोफेसर शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर को पेपर सेटर बनाकर पहले एनाटाॅमी विषय का पेपर सेट कराया गया. पेपर सेटर से कभी भी प्रश्नपत्र का माॅर्डरेशन नहीं कराया जाता है. परन्तु निधि श्रीवास्तव को ही एनाटाॅमी विषय के पेपर का माॅडरेटर नियम विरुद्ध बनाया गया.

इसलिए की गई कार्रवाई : पेपर प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक परीक्षा केन्द्र में परीक्षार्थियों को प्रवेश की अनुमति होती है. अतः डाॅ. निधि श्रीवास्तव को पेपर माॅर्डरेशन के बाद 10 जून 2022 को विश्वविद्यालय में पेपर प्रारंभ होने के आधे घंटे बाद तक नियमानुसार रुकना अनिवार्य था ताकि पेपर आउट होने की संभावना समाप्त हो जाये. इस पूरे प्रकरण में कुलसचिव द्वारा दो अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन मप्र स्टूडेंट यूनियन आपत्ति उठाते हुए कहा है कि सहायक कुलसचिव डाॅ. पंकज बुधौलिया और परीक्षा नियंत्रक डाॅक्टर सचिन कुचया पर कार्रवाई कब होगी. क्योंकि पूरे मामले में दोनों अधिकारियों की भूमिका अहम है. इनके द्वारा ही पेपर लीक कराके परीक्षा को प्रभावित किया गया है.(Action against two officers in paper leak) (Medical University Action on two officers)

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