जबलपुर। नकली इंजेक्शन के काले कारोबार में लिप्त आरोपियों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है. एसआईटी ने अभी तक इस पूरे अपराध में सरबजीत सिंह मोखा सहित करीब पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं. इधर, इस हाई प्रोफाइल मामले में आरोपी राकेश शर्मा पहला ऐसा आरोपी है, जिसने पुलिस के सामने अपने तमाम गुनाह स्वीकार कर लिए हैं. आरोपी राकेश शर्मा को अब जेल भेजा जा रहा है. एसआईटी ने राकेश शर्मा की वह कार भी जब्त कर ली है, जिसमें इंजेक्शन का काला कारोबार वह करता था. इसके अलावा उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया है.
सपन जैन का मित्र है राकेश शर्मा
एसआईटी की जांच में पता चला है कि आरोपी सपन जैन और राकेश शर्मा अच्छे मित्र हैं. दोनों सांठगांठ कर गुजरात से नकली इंजेक्शन लाकर मध्यप्रदेश में बेचा करते थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि सरबजीत सिंह मोखा का संपर्क सुनील मिश्रा से देवेश चौरसिया ने कराया. इसके बाद सुनील मिश्रा ने सपन जैन और राकेश शर्मा का संपर्क मोखा से करवाया था. राकेश शर्मा इंदौर में किसी कैचअप कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत था.
जल्द ली जाएगी सरबजीत की रिमांड
आरोपी राकेश शर्मा से एसआईटी ने अपनी पूछताछ कर ली है. राकेश शर्मा की निशानदेही पर पुलिस अब गोताखोरों की मदद से नर्मदा के तिलवारा पुल पर बहाए गए इंजेक्शन तलाश करने में जुटी हुई है. नकली इंजेक्शन को नदी में सपन जैन और राकेश शर्मा ने बहाए थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी का कहना है कि राकेश शर्मा ने सब कुछ उगल दिया इसलिए रिमांड नहीं ली गई है. लेकिन सरबजीत सिंह मोखा की रिमांड जल्द ही ली जाएगी.
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35 इंजेक्शन फेंके थे नर्मदा में
राकेश शर्मा से पूछताछ में पता चला कि गुजरात में नकली रेमडेसिविर का भंडाफोड़ होने के बाद सपन और राकेश कार से 35 इंजेक्शन लेकर शाम को तिलवारा गए थे. वहां पुल से दोनों ने नकली इंजेक्शन फेंक दिए थे. एसआईटी ने इसकी पुष्टि उनके मोबाइल लोकेशन के आधार पर की है.