जबलपुर। हाल ही में दो घटनाओं को अंजाम देने के बाद करीब एक साल से फरार चल रहे सात हजार रुपये के इनामी बदमाश को जबलपुर पुलिस ने नर्मदा तट के पास से गिरफ्तार किया है. आरोपी साधु के वेश में एक साल तक अमरकंटक में रहा. उसके बाद वह जब नर्मदा तट पर रह रहा था, तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
नर्मदा तट पर है साधु-संत और भिक्षुओं का डेरा
नर्मदा तट के आसपास हमेशा से ही साधु, संत और भिक्षुओं का डेरा रहता है. मां नर्मदा के तट पर रहकर यह लोग श्रद्धालुओं से मांग कर गुजर बसर करते हैं. इन्हीं साधु संतों के बीच कुछ अपराधी पुलिस से बचने को शामिल हो जाते हैं. हाल ही में गोहलपुर पुलिस ने एक साल से फरार चल रहे सात हजार रुपये के इनामी बदमाश नीलेश उर्फ नीलू को गिरफ्तार किया है.
आरोपी अमरकंटक में बीते एक साल से भिक्षु का रूप धारण कर छिपा बैठा था. दो दिन पहले वह नर्मदा तट के ग्वारीघाट में आकर रहने लगा. पुलिस को सूचना मिली तो उसे भिक्षुओं के बीच से गिरफ्तार किया गया.
पुलिस से बचने के लिए भी बन जाते हैं साधु
अपराधी अपराध करने के बाद पुलिस से बचने के लिए साधु ,संत या फिर भिक्षु का वेश धारण कर लेते हैं. इन पर पुलिस को आसानी से शक भी नहीं होता है. हालांकि भिक्षु के वेश में सात हजार रुपये के इनामी बदमाश की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की है, जो फरार हैं. पुलिस अब इनको नर्मदा तट या फिर साधु संतों की टोली में तलाश कर रही है.
पुलिस के डर से बन जाते हैं साधु
नर्मदा के ग्वारीघाट-उमाघाट और लम्हेटाघाट सहित आसपास साधु संतों का डेरा लगा हुआ है. इसमें से कई ऐसे लोग भी हैं, जो कि किसी न किसी अपराध में लिप्त होकर पुलिस से बचने के लिए वेश धारण कर लिए हैं. जानकारी के मुताबिक कोई मारपीट के अपराध में, कोई पत्नी को सताने में तो कोई लूट जैसी घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए भिक्षुओं का रूप धारण कर लिया है.
पुलिस के लिए बनी चुनौती
साधु बने नीलेश उर्फ नीलू को गिरफ्तार करने के बाद अब पुलिस के सामने चुनौती आ गई है. लंबे समय से फरार चल रहे आरोपियों को साधु या फिर भिक्षुओं के बीच तलाशना पुलिस के लिए चुनौती भरा काम है.